

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव केवल एक नाट्य प्रस्तुति नहीं, बल्कि मर्यादा, त्याग और आदर्शों का जीवंत अनुभव है। मंच पर राम, लक्ष्मण और सीता की त्रिमूर्ति हमारे भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्तंभों का प्रतीक हैं। दीपों की मंद रोशनी, पीताम्बर वस्त्र और कलाकारों के दिव्य भाव दर्शकों को उस युग में ले जाते हैं जहाँ आदर्श चरित्र समाज की नींव थे। यह महोत्सव नई पीढ़ी तक शाश्वत मूल्यों और धर्म की शिक्षा को रंगमंच के माध्यम से पहुँचाने का एक सुंदर प्रयास है।