International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 में सतयुग की अनुगूँज—सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा निकाली गई प्रेरणादायक पैदल जागरूकता यात्रा, मानव धर्म, एकता, सद्भाव और श्रेष्ठ जीवन मूल्यों का संदेश पूरे ब्रह्मसरोवर परिसर में गूंजाती हुई

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव सतयुग दर्शन ट्रस्ट के सदस्यों ने निकाली पैदल जागरूकता यात्रा | कुरुक्षेत्र, 23 नवंबर: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर सतयुग दर्शन ट्रस्ट के सदस्यों ने रविवार को ब्रह्मसरोवर परिसर में एक प्रेरणादायक पैदल जागरूकता यात्रा निकाली। इस यात्रा का मुख्य संदेश था— “मानव धर्म अपनाएं और श्रेष्ठ मानव बनें।” यात्रा स्टॉल नंबर 606 से प्रारंभ होकर ब्रह्मसरोवर क्षेत्र में निकाली गई, जिसमें ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों और सज्जनों ने सक्रिय भागीदारी की। पूरे यात्रा मार्ग में ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रेरक नारों से वातावरण को गूंजायमान कर दिया— “आओ जागें और जगाएं”, “सतयुग की ओर कदम बढ़ाएं”, “हम सब एक ही जोत से उपजे हैं” जैसे संदेशों ने सभी को एकता और सद्भाव का आह्वान किया। बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुति ट्रस्ट के बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम यात्रा का मुख्य आकर्षण रहा। अपनी प्रस्तुति के माध्यम से उन्होंने यह सुंदर संदेश दिया कि— “हम सबको मिल-जुलकर रहना चाहिए और एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।”ध्यान कक्ष का उद्देश्य इस अवसर पर एच.सी. मुंजाल ने बताया कि स्टॉल नंबर 606 पर एक विशेष ध्यान कक्ष स्थापित किया गया है। यह ध्यान कक्ष मानवों को— नैतिक, चारित्रिक और मानवीय आदर्शों के अनुरूप ढालने, मानसिक रूप से सदाचारिता और निष्काम कर्म के लिए सक्षम बनाने, उनकी वृत्ति, स्मृति और बुद्धि को निर्मल करने में सहायक है। उन्होंने कहा कि इस साधना से व्यक्ति कर्मफल व तीनों तापों से मुक्त होकर, अंत में मोक्ष प्राप्त करने योग्य बन सकता है और अपने जीवन को सार्थक कर सकता है।

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