अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा मंडप पर सांस्कृतिक मंच पर लोक कलाकारों ने गायन शैली के माध्यम से महाभारत के किस्से बखान किये। कलाकारों ने हरियाणवी लहजे में बनाई गई अपनी प्रस्तुतियों में गीता के संदेश से सबको रूबरू करवाया। उनकी प्रस्तुति पर ग्रामीण अंचल से आये विशेषकर बुजुर्गों ने खूब तालियां बजाई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान आस-पास के गांवों से दर्शक पंहुचे थे। इस तरह की प्रस्तुति देख व सुनकर उन्होंने कलाकारों का खूब हौसला वर्धन किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ कला एवं संस्कृति विभाग के अतिरिक्त निदेशक नागेन्द्र शर्मा, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी तान्या चौहान, दीपिका, रेनू हुड्डा, सुमन आदि ने दीपशिखा प्रज्वलित करके किया। कार्यक्रम का आगाज हरियाणवी कलाकार रामेश्वर बराणिया ने हरियाणवी प्रस्तुति से किया। उन्होंने पारम्परिक लोक शैली हरियाणवी में महाभारत के किस्सों का बखान किया। उनकी प्रस्तुति में पूरे महाभारत काल का स्वरूप सम्माहित था। इसी प्रकार आस्था और उनके ग्रुप ने हरियाणवी लोकगीतों के माध्यम से सभी का मनोरंजन किया। कार्यक्रम में राहुल बागड़ी और उनके ग्रुप ने हरियाणवी संस्कृति, हास-परिहास से भरपूर नृत्यावली पेश की, जिस पर सभी दर्शक झूम रहे थे। इसी प्रकार सुभाष और उनके ग्रुप ने हरियाणवी आर्केस्ट्रा, कोमल शर्मा ने हरियाणवी नृत्य, राजेश शर्मा ने हरियाणवी ऑरकेस्ट्रा बजाकर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।