International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

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लोगों को खूब भा रहा है असमिया भोजन

पीठा व्यंजन के साथ-साथ असमिया थाली और असम के चाय बागानों से तोड़ी गई चाय की पत्तियों के साथ बनी चाय का स्वाद ले रहे हैं हरियाणा के लोग

कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा के लोग इस बार थीम पार्टनर स्टेट असम के व्यंजनों का भरपूर मजा ले रहे हैं। यही नहीं वह खाने के साथ-साथ इन्हें बनाने में भी अपने दिलचस्पी दिखा रहे हैं। असम पवेलियन में घुसते ही मंच से दाएं और मुड़ते के बाद असम व्यंजनों की स्टॉल लगी हुई है जिसमें पहली स्टॉल पीठा की है।
स्टॉल लगाने वाली अंजुमोनी भट्टाचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि पिता असम का प्रसिद्ध व्यंजन है और यह एक प्रकार की घरेलू मिठाई की तरह है। इसे बनाने के लिए चावलों को पूरी रात भिगोकर और इसके बाद उन्हें सुबह थोड़ा सा सुखाया जाता है और उसके बाद फिर उन्हें कूटा जाता है। कूटने के बाद उन्हें महिम छाना जाता है। फिर उसके बाद उन्हें बड़े तवे पर सुखाया जाता है। तवे पर सूखने के बाद थोड़ा पानी डालकर उसका रोल बनाया जाता है और उसमें तिल इत्यादि मिलाकर तैयार किया जाता है। अंजुमोनी भट्टाचार्य ने बताया कि इसमें तिल के साथ-साथ नारियल डालकर तिल पीठा भी बनाया जाता है,जिसे तिल पीठा कहते हैं। इसी तरह भिन्न-भिन्न प्रकार का पीठा जिनमें बोर पीठा, टिकली पीठा, पाती चपटा पीठा और ब्लैक राइस पीठा भी तैयार किया जाता है। असम पवेलियन में बंबू से बने अचार के साथ-साथ अन्य भिन्न.

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