रंगों में घुली मुस्कान, परंपरा में ढली पहचानBy administrator / November 16, 2025 “रंगों में घुली मुस्कान, परंपरा में ढली पहचान— गीता महोत्सव की इस झलक में संस्कृति की असली शान।” “अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की रंगीन छटा में, यह मुस्कान लोक संस्कृति की सुगंध बनकर चमक उठी। परंपरा, कला और आस्था—सब एक ही रूप में सजे हुए।”