अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मïसरोवर के पावन तट पर जहां एक ओर पर्यटक इस भव्य आयोजन का लुफ्त उठा रहे है, वहीं दूसरी ओर ब्रह्मïसरोवर के इस पावन तट पर दूसरे प्रदेशों से आए हुए शिल्पकारों की अदभुत शिल्पकला ने इस भव्य आयोजन की फिजा में रंग भरने का काम किया है। अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में दूर-दराज से आए हुए शिल्पकारों ने ब्रह्मïसरोवर के पावन तट पर लगने वाले अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के क्राफ्ट और सरस मेले में अपने हाथों की कारागिरी से महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को आत्मविभुर होने पर मजबूर कर दिया है। शिल्पकारों के हाथों से बनी सुंदर-सुंदर आकृतियों की शिल्पकला पर्यटकों के मन को बहुत ही लुभा रही है। ऐसे ही पलवल से आए कमलेश ने बताया कि वे पलवल के गांव उटावड से आए है और वे अपने साथ पहाडी मिट्टïी, चिकनी मिट्टïी से बनी हुई सुदंर-सुंदर आकृतियां लेकर आए है। उन्होंने बताया कि वे इस महोत्सव में पिछले कई वर्षों से आ रहे है। हाथ से बनी हुई मिट्टïी की सुंदर-सुंदर आकृतियां पर्यटकों के मन को बहुत लुभा रही है।