ब्रह्मसरोवर पर 9 राज्यों की लोक संस्कृति ने मचाया धमाल
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र की तरफ से घाटों पर प्रस्तुत किये जा रहे हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम, कच्ची घोड़ी और बाजीगर भी कर रहे हैं पर्यटकों का मनोरंजन
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 में ब्रह्मसरोवर के घाटों पर 9 राज्यों की लोक संस्कृतियों ने धमाल मचाया है। इन राज्यों के कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की लोक संस्कृति की छटा बिखेर कर पर्यटकों का मन मोह लिया है। इस लोक संस्कृति से ब्रह्मसरोवर की फिजा विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति से रंग गई है। इन तमाम प्रस्तुतियों को उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से प्रस्तुत किया जा रहा है।
उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र के अधिकारी राजेश बसी ने कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से एक दिसंबर से 6 दिसंबर तक मणिपुर के ग्रुप डब्ल्यू धनंजय सिंह द्वारा मणिपुर रास व धानगटा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जा रही है। इसके साथ मध्य प्रदेश की तरफ से मनीष यादव सागर के ग्रुप ने बारेदी, उड़ीसा के ग्रुप मुगनीजा द्वारा गोटीपुआ, महाराष्ट्र के छबेदी दास गवाली द्वारा सोंगी मुखवटे और कर्नाटक के सिद्ध राजू पीसी द्वारा पूजा कुंठीथा लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जा रही है। इन सभी लोकनृत्यों में कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की संस्कृति, लोक गायन कला और अपने रीति-रिवाजों को दर्शाने का अनोखा प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि एनजैडसीसी की तरफ से 3 से 6 दिसंबर तक पंजाब की तरफ से परमजीत कौर खरड़ द्वारा सामी गिद्दा, हिमाचल प्रदेश की तरफ से राजराम सोलन द्वारा सोलनी गिद्घा व उत्तराखंड की तरफ से किशन धानू द्वारा पंडवाडांस की प्रस्तुति भी दर्शकों को अपने मोहपाश में बांधने का काम करेगी। इन लोक कलाकारों के साथ-साथ पंजाब के रामपुरा से गुचरण सिंह के बाजीगर ग्रुप और राजस्थान की कच्ची घोड़ी भी पूरे घाटों पर घूमकर पर्यटकों का मनोरंजन करने का काम कर रही है। इस महोत्सव को विभिन्न प्रदेशों की लोक कला से रंगने का काम इन कलाकारों ने किया है।