अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के घाटों पर देश की लोक संस्कृति का महाकुंभ देखने को मिला। इस लोक संस्कृति के महाकुंभ में जम्मू कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, वेस्ट बंगाल, असम, राजस्थान, उत्तराखंड के कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश के लोक नृत्य की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। इन कलाकारों को उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला क्षेत्र पटियाला की तरफ से आमंत्रित किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 में सरस और शिल्प मेले में शिल्प कलाओं के साथ-साथ देश की लोक संस्कृति को देखने का एक बार फिर सुनहरी अवसर पर्यटकों को मिला है। कोरोना महामारी के बाद इस वर्ष बड़े स्तर पर महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसलिये इस वर्ष महोत्सव के शिल्प और सरस मेले के साथ-साथ लोक संस्कृति का आनन्द लेने के लिये ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर देश के कोने-कोने से पर्यटक पहुंच रहे हैं। इस वर्ष उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र की तरफ से विभिन्न राज्यों के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। अब 29 नवंबर से कुछ और राज्यों कलाकार महोत्सव में पहुंच रहे है, जिनमें लद्दाख, त्रिुपरा, उडि़सा, गुजरात, आंध्र प्रदेश शामिल है। ये कलाकार 29 नवंबर से 6 दिसंबर तक अपनी प्रस्तुति देंगे।
एनजेडसीसी की तरफ से विभिन्न राज्यों के कलाकार महोत्सव के मुख्य कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। इन तमाम राज्यों के कलाकार अपने-अपने प्रदेशों की लोक संस्कृति से सबका मन मोह रहे हैं। एक मंच पर देश के अलग-अलग राज्यों की लोक संस्कृति को देखना हर कोई अपना सौभाग्य मान रहा है। यह कलाकार भी दर्शकों के हुजूम और उत्साह को देखकर मदमस्त होकर अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। इन कलाकारों के नृत्य के साथ देखने वाला प्रत्येक व्यक्ति भी अपने पांव को रोक नही पाता है और इन कलाकारों के साथ ही झूमने पर मजबूर हो जाता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में बेहतरीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया है और यह कलाकार लगातार अपने-अपने प्रदेश की प्रस्तुति देकर पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे है।