
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के रंगों में घुला भांगड़ा का जोश पूरे वातावरण को ऊर्जा और उत्साह से भर देता है। जब ढोल की दमदार ताल पर कलाकार मुस्कान, लय और अपार उमंग के साथ कदम बढ़ाते हैं, तो ऐसा माहौल बनता है जो हर दिल को उत्सव की धड़कन से जोड़ देता है। यह सिर्फ एक नृत्य नहीं, बल्कि पंजाब की खुशियों, जीवंतता और सांस्कृतिक गौरव का जश्न है—जो दर्शकों के भीतर नई ऊर्जा और मुस्कान का संचार कर देता है।