International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

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कश्मीरी काहवा की महक से स्टॉल पर खींचे चले आते है काहवा के चाहवान

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में ब्रहमसरोवर का पावन तट जहां देश की संस्कृति को प्रदर्शित करने का मुख्य मंच बना हुआ है, वहीं विभिन्न प्रदेशों के खान-पान का भी यहां पर सहजता से मजा लिया जा सकता है। इन खान-पान के व्यंजनों के बीच में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से आई फातिमा और उनके पिता फारुक अपने साथ कश्मीर का मुख्य पेय कश्मीरी काहवा लेकर महोत्सव में पहुंचे है। इस कश्मीरी काहवा की भीनी-भीनी महक की वजह से महोत्सव में आने वाले पर्यटक उनके स्टॉल पर खींचे चले आते है।
फारुक ने विशेष बातचीत करते हुए कहा कि कश्मीरी काहवा एक पेय पदार्थ से कहीं कुछ बढक़र है। यह काहवा कश्मीर की संस्कृति, इतिहास और परंपरा का प्रतीक है। महोत्सव के स्टॉल नंबर 297 पर कश्मीरी काहवा को अपने पिता के साथ तैयार करती 9 साल की फातिमा पर्यटकों के स्नेह व आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। फातिमा ने अपनी प्यारी आवाज में बोलते हुए कहा कि जितना वह जानती है कि उनके पिता लगभग 7-8 साल से गीता महोत्सव में आ रहे है। उनके स्टॉल पर कश्मीर के पारम्परिक पेय कश्मीरी काहवा के साथ-साथ सुखे मेवे भी मौजूद है। उनके पिता का यह परिवारिक व्यवसाय है और वह बिना किसी कैमिकल के उपयोग से सुखे मेवों को उपलब्ध करवाने का काम करते है।

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