International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

कर्मभूमि पवित्र ग्रंथ गीता की धरती के दर्शन मात्र ही मानव कल्याण की खोलते है राह

ब्रह्मसरोवर की सांध्यकालीन आरती में केडीबी सीईओ, मानद सचिव, चेयरमैन, प्राधिकरण के सदस्यों ने की शिकरत, केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों का अंगवस्त्र देकर किया गया सम्मानित
 केडीबी के सीईओ पंकज सेतिया, मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, कुरुक्षेत्र 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी सदस्य विजय नरूला, कैप्टन परमजीत सिंह, डा. ऋषिपाल मथाना, एमके मोदगिल, अशोक रोशा, प्राधिकरण के सदस्य सौरभ चौधरी, पत्रकार एवं छायाकार साथियों के साथ-साथ केयूके के शिक्षकों ने ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग के आरती स्थल पर मंत्रौच्चारण के बीच सांयकालीन महा आरती करके पूजा पाठ किया। इससे पहले सभी मेहमानों ने शंख की ध्वनि के साथ ही महा आरती शुरू की और दीपशिखा प्रज्ज्वलित कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारम्भ भी किया।
आरती स्थल पर सांध्यकालीन भजन संध्या का गुणगान करते हुए सभी ने एक स्वर में कहा कि गीता की इस पावन धरती पर आना और इस पवित्र ग्रंथ की महाआरती में शामिल होना बहुत बड़ा सौभाग्य है। इसके लिए वे प्रदेश सरकार व केडीबी प्रशासन का आभार प्रकट करते है। साथ ही मानव कल्याण के लिए महोत्सव के आयोजन की बधाई देते है। गीता की धरती का दर्शन मात्र ही मानव कल्याण की राह खोलता     है। गीता एक ऐसा ग्रंथ है, जो सम्पूर्ण विश्व और मानवता के लिए बहुत उपयोगी है। जीवन में किसी भी नकारात्मक स्थिति से उभरने में गीता हमारा मार्गदर्शन करती है। गीता एक धार्मिक ग्रंथ है, जिसका विश्व की सर्वाधिक भाषा में अनुवाद किया गया है। आज के दौर में नई पीढ़ी संस्कारों से दूर होती जा रही है। गीता के ज्ञान से नव पीढ़ी में संस्कार आएंगे और एक सभ्य समाज की स्थापना होगी।
सीईओ केडीबी पंकज सेतिया व मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने कुरुक्षेत्र वासियों सहित समस्त प्रदेश तथा देशवासियों को इस महोत्सव के आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि गीता महोत्सव में लाखों की संख्या में लोग जुड़ रहे है। देश ही नहीं अपितु विदेशों     भी गीता का प्रचार-प्रसार बढ़ा है और विदेशों से भी लोग गीता महोत्सव में शामिल हो रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में ही गीता का संदेश दिया था। गीता जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार प्रयासरत है। गीता महोत्सव में इस दिशा में सफलतम प्रयास है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का जो संदेश दिया था जो मानव को जीने की कला सिखाता है। हमें गीता में    दिए ज्ञान व कर्म के संदेश के अनुसार ही जीवन यापन करना चाहिए। ऐसा करने पर हम हर क्षेत्र में कामयाब होंगे। इस दौरान सभी मेहमानों को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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