
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन तट पर गूंजते ढोल, झांझ और लोक-धुनों की मधुर ताल ने माहौल को जीवंत बना दिया। कलाकारों की ऊर्जा, उत्साह और परंपरा की छाप ने इस महोत्सव को और भी भव्य बना दिया। भक्ति, संगीत और संस्कृति—सब एक साथ एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव पेश करते हैं।