International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पारंपरिक लोकवाद्य की धुनों का जादू

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2025 में कुरुक्षेत्र के पवित्र ब्रह्मसरोवर तट पर आज माहौल पारंपरिक लोकवाद्य संगीत की सुरमयी धुनों से सराबोर हो उठा। Nagada, Shehnai, Manjira और अन्य पारंपरिक तालों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय और उत्सवमय बना दिया। पारंपरिक सफेद वेशभूषा और पगड़ी में सजे कलाकारों ने अपनी आत्मिक और जीवंत प्रस्तुति से हर दर्शक को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रदर्शन ने हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को खूबसूरती से उजागर किया और भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से आए लोगों को हमारी लोककला की जड़ों से जोड़ दिया। ऐसे जीवंत और रंगीन लोक प्रस्तुतियां न केवल हमारी सांस्कृतिक विविधता का जश्न मनाती हैं, बल्कि नई पीढ़ी को हमारी अनमोल परंपराओं से जुड़े रहने की प्रेरणा भी देती हैं। ब्रह्मसरोवर का शांत जल, दिव्य संगीत और उत्सव की ऊर्जा मिलकर इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना देते हैं।

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