International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

Mishrak Tirth, Nising


मिश्रक नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 24 कि.मी. दूर निसिंग नामक कस्बे में स्थित है। अनेक तीर्थों का मिश्रण होने से ही इस तीर्थ का नाम मिश्रक पड़ा। इस तीर्थ का नाम एवं महत्त्व वामन पुराण तथा महाभारत दोनों में ही मिलता है।
वामन पुराण में इस तीर्थ से सम्बन्धित यह वर्णन मिलता है कि यहाँ इस तीर्थ में महर्षि व्यास ने दधीचि मुनि के लिए तीर्थों को एक ही तीर्थ में मिश्रित किया था।
ततो गच्छेत् सुमहत्तीर्थं मिश्रकमुत्तमम्।
तत्र तीर्थानि मुनिना मिश्रितानि महात्मना।lha[k
व्यासेन मुनिशार्दूला दधीच्यर्थं महात्मना।
(वामन पुराण 36/42-43)
इसी तीर्थ का धार्मिक महत्त्व बताते हुए वामन पुराण में उल्लेख है कि इस तीर्थ में स्नान करने वाला व्यक्ति मानो सभी तीर्थों में स्नान कर लेता है।
महाभारत में इस तीर्थ से सम्बन्धित यह उल्लेख वामन पुराण से मिलता है कि यहां व्यास मुनि ने सब तीर्थों को मिश्रित किया था:
ततो गच्छेत् राजेन्द्र मिश्रकं तीर्थमुत्तमम्।
तत्रतीर्थानिराजेन्द्रमिश्रितानि महात्मना।
व्यासेन नृपशार्दूलद्विजार्थमितिनः श्रुतम्।
सर्वतीर्थेषु सः स्नाति मिश्रके स्नाति यो नरः।
(महाभारत, वन पर्व, 83/91-92)
उपरोक्त श्लोकों से स्पष्ट है कि इस तीर्थ के फल विशेष में महाभारत एवं वामन पुराण का एक जैसा ही मत है। भेद केवल इतना ही है कि वामन पुराण में उपलब्ध वर्णन के अनुसार व्यास द्वारा महर्षि दधीचि हेतु तीर्थों का मिश्रण किया गया था तथा महाभारत में उपलब्ध वर्णन में यहां ब्राह्मणों के हेतु तीर्थों का मिश्रण बनाया गया था।
मन्दिर परिसर के प्रवेश कक्ष में आधुनिक चित्रों द्वारा अनेक प्रसंगों जैसे राजा दिलीप द्वारा नन्दी की रक्षा, श्रीकृष्ण का देवकी के पुत्रों को वापिस करना, कालिया दमन, भीलनी के बेर खाते राम-लक्ष्मण, शेषशायी विष्णु, शाल्व वध व व्यासजी द्वारा सब तीर्थों का जल मिश्रक तीर्थ में डालने का अति मनभावन चित्रण है।

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