International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

घुडका – पारंपरिक कोसली संभलपुरी लोक नृत्य

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में घुडका नृत्य ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में चार चांद लगा दिए। यह एक प्रसिद्ध कोसली संभलपुरी लोक नृत्य है, जो ओडिशा के संभलपुर क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। घुडका नृत्य अपनी जीवंतता, ताल और रंग-बिरंगे परिधानों के लिए जाना जाता है।

इस नृत्य में नर्तक अपनी कला के माध्यम से स्थानीय लोककथाओं और परंपराओं को जीवंत करते हैं। खासकर, पुरुष और महिलाएं एक साथ गहरी तालों और हाथों की मुद्राओं के साथ मंच पर नृत्य करते हैं, जिसमें घुंघरू की आवाज़ और लोक संगीत की लय अद्भुत समां बांध देती है।

घुडका नृत्य में नृतक पारंपरिक परिधानों के साथ एक विशेष प्रकार के “घुडका” (ढोल) का प्रयोग करते हैं, जिससे नृत्य में और भी अधिक ऊर्जा और जीवंतता आती है। यह नृत्य न केवल ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि भारत के लोक नृत्यों की समृद्ध विविधता को भी दर्शाता है।

घुडका नृत्य ने हर दर्शक को अपनी संस्कृति, ताल, और रंगों से मंत्रमुग्ध कर दिया!

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