स्वदेश जागरण मंच के राष्टï्रीय सह संगठक सतीश कुमार ने किया प्रात: कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ, कलाकारों ने भक्ति रस की शानदार प्रस्तुतियां देकर पर्यटकों को किया भक्तिमयकुरुक्षेत्र 11 दिसम्बर स्वदेश जागरण मंच के राष्टï्रीय सह संगठक सतीश कुमार ने कहा कि भारत की सभ्यता एवं संस्कृति काफी प्राचीन है। विश्व की अनेक संस्कृतियां ज्ञान के अभाव में मिट गई, लेकिन भारत की संस्कृति का आधार गीता का ज्ञान है। यह कभी नहीं मिटेगी और अनंत काल तक रहकर दुनिया का मार्ग दर्शन करती रहेगी। भारत की संस्कृति भगवान राम कृष्ण के आचरण की अनुपालना करना है। सतीश कुमार ने यह विचार कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव के दौरान पुरुषोत्तमपुरा बाग में आयोजित प्रात: कालीन सत्र के सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए उपस्थित हजारों पर्यटकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव के जरिए राज्य सरकार द्वारा युवाओं को गीता का ज्ञान तथा हिन्दुस्तान व हरियाणा की समृद्ध संस्कृति के संबंध में अवगत करवाया जा रहा है, जिसे युवा अपने देश व प्रदेश पर गर्व कर रहे है। उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव मनाना भारत की जयंती मनाने के बराबर ही है क्योंकि भारत की नस-नस में गीता का ज्ञान दोड़ रहा है। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञान की देवी सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, महासिंह पूनिया, प्रो. अनिल विशिष्टï समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। सांस्कृतिक कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा इससे संबंधता रखने वाले कई महाविद्यालयों के सांस्कृतिक दलों ने एक से बढक़र एक भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के साथ-साथ विभिन्न लोक संस्कृति से ओत प्रोत प्रस्तुतियां दी। मौजूद देशी व विदेश पर्यटकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जमकर लुत्फ उठाया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज भगवान की वंदना के साथ हुआ। इसके बाद आर्य पीजी कॉलेज पानीपत के सांस्कृतिक दल ने रसिया समुह नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों का खूब मनमोहा। इसके बाद एसडी महाविद्यालय पानीपत द्वारा गणेश वंदना प्रस्तुत की। हरविंद्र राणा के मंच पर पहुंचते ही दर्शकों में अच्छा खासा उत्साह दिखाई देने लगा और उन्होंने सुन गीता का ज्ञान गीत की प्रस्तुति देकर समा बांधा। एसडी कॉलेज पानीपत की सांस्कृतिक टीम ने राजस्थान प्रदेश के विभिन्न लोक नृत्यों की बानगी पेश की। आरकेएसडी कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा विलुप्त होती सांग विधा पर प्रस्तुति दी गई। इसके उपरांत कई महाविद्यालयों के सांस्कृतिक दलों द्वारा सराहनीय सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सतीश कुमार को विश्वविद्यालय की ओर से पगड़ी पहनाकर हरियाणवी तरीके से सम्मानित किया गया तथा हरियाणा की संस्कृति का प्रतीक पिड्ढïा भी भेंट किया। उप-कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को भी शॉल भेंट कर सम्मानित किया।