हाथ से बने कारपेट

हाथ से बने कारपेट

चंड़ीगढ़ से आए शिल्पकार सिराज अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पर्यटकों के लिए विशेष कारपेट तैयार करके लाए है। इस शिल्पकार ने हाथों से तैयार किए गए के कारपेट की कीमत 25 हजार रुपए तक रखी है, हालांकि उनके पास 2 हजार रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक के कारपेट रखे है। अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के स्टाल नम्बर 140 पर पर्यटकों के लिए कारपेट लेकर आए शिल्पकार सिराज का कहना है कि पिछले कई सालों से महोत्सव में पर्यटकों के लिए कारपेट लेकर आ रहे है। इस बार हाथ से बने छोटे और बड़े कारपेट विशेष तौर पर बनाकर लाए है। इन कारपेट की कीमत 2 हजार रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक की है। इन कारपेट को वूलन से तैयार किया जा रहा है। उनके ग्रुप द्वारा कई लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया करवाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि कई सालों से अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में आ रहे है और वे पूरे भारत वर्ष में अपने कारपेट लेकर जाते है। हर जगह उनके कारपेट के कद्रदान है। लेकिन आज कारपेट का उद्योग मंदी के दौर से गुजर रहा है। इस दौर में उन्हें खूब मेहनत करनी पड़ रही है ताकि लोगों के लिए रोजगार के अवसर बने रहे।

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