हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा छह पुस्तकों का लोकार्पण

हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा छह पुस्तकों का लोकार्पण

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान आज हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी द्वारा हरियाणा पुस्तक मेले में स्थापित साहित्य मंच पर आयोजित पुस्तक लोकार्पण समारोह में प्रदेश के विभिन्न लेखकों की छह पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि अकादमी के संस्कृत प्रकोष्ठ के निदेशक डा. चितरंजन दयाल सिंह कौशल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डा. विजय दत्त शर्मा द्वारा की गई। सुपरिचित समाजसेवी एवं साहित्यकार डा. जयभगवान सिंगला इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में पधारे।

पुस्तक लोकार्पण समारोह में लेखक डा. सन्तराम देशवाल व डा.राजकला देशवाल के द्वारा रचित ‘हरियाणा का लोक साहित्य: अस्फुट विधाएं’, महाकवि सूरदास के आराध्य कृष्ण तथा स्मृतियों के सोपान पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। डा. कौशल ने डा. संन्तराम देशवाल और डॉ. राजकला देशवाल को अकादमी के द्वारा पुरस्कृत ऐसे साहित्यकार बताया, जिनका साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंने दोनों लेखकों को हार्दिक बधाई देते हुए इनके उज्ज्वल अकादमिक भविष्य की कामना की। डा.राजेन्द्र सिंह ने हरियाणा का लोक साहित्य अस्फुट विधायक को ऐसी अनूठी पुस्तक बताया, जो लोक साहित्य के क्षेत्र में नये नये क्षितिज खोलेगी।

महाकवि सूरदास के आराध्य कृष्ण पुस्तक की समीक्षा करते हुए डा. सन्तराम देशवाल ने कहा कि इस पुस्तक से पाठक भगवान श्रीकृष्ण के विविध रूपों से रू-ब-रू होंगें। स्मृतियों के सोपान पुस्तक से डा. विजेन्द्र कुमार ने कुछ अंश प्रस्तुत किए। इस अवसर डा. रमाकांता, रोहतक के लघु कविता संग्रह अंतत, अकादमी के संस्कृत प्रकोष्ठ द्वारा प्रकाशित संस्कृत विज्ञान्म तथा डा. जयभगवान सिंगला की पुस्तक अष्टादश श्लोकी गीता का भी लोकार्पण किया गया।

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