लोक वाद्य यंत्र बीन की महोत्सव के घाटों पर बनी सांस्कृतिक पहचान

लोक वाद्य यंत्र बीन की महोत्सव के घाटों पर बनी सांस्कृतिक पहचान

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में जहां चारों तरफ रौनक है, वहीं लोक कलाकार ब्रह्मसरोवर के किनारें अपने लोक वाद्य यंत्रों से पर्यटकों को लुभाने का काम कर रहे है। यह कलाकार वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनियों से सभी का दिल जीतने का काम कर रहे है। इन्हीं कलाकारों में से एक सपेरा बीन पार्टी अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव में जगह-जगह घूम कर अपनी लोक वाद्य कला बीन का प्रदर्शन कर रही है। इस बीन पार्टी द्वारा लोगों का का मनोरंजन भी कर रहे है।
पार्टी के कलाकार मस्तान नाथ 70 वर्षीय बुजुर्ग भी बीन बजा रहे है ओर 45 वर्षीय हवा सिंह तुम्भा बजा कर व 35 वर्षीय धर्मवीर ढ़ोल बजा कर लोगो का ध्यान अपनी आकर्षित कर रहे है। उन्होंने बताया की उनकी इस कला के लिए उन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्होंने अपनी इस कला का प्रदर्शन इटली और दुबई में भी किया है। वे पिछले 5 वर्षों से गीता महोत्सव में आ रहे है। उनकी कला के प्रति पर्यटकों का उत्साह और रझान निरंतर बढ़ रहा है।

Quick Navigation