लूर नृत्य ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में छोडी अनूठी छाप

लूर नृत्य ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में छोडी अनूठी छाप

हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता ने किया मेला क्षेत्र में सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ, कैबिनेट मंत्री कमल गुप्ता ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित
.हरियाणा की लुप्त हो रही लोक कला नृत्य लूर ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में दर्शकों के मन में एक अनूठी छाप छोड़ने का काम किया। इस लोक नृत्य में हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत को सहजता से देखा गया और इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता ने किया।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 में मेला क्षेत्र में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से बनाए गए मुख्य मंच पर सांस्कृतिक संध्या के दूसरे दिन का आगाज हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी के सीईओ चंद्रकांत कटारिया, डीवीसीए के निदेशक डा. महा सिंह पुनिया, केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी, केडीबी सदस्य केसी रंगा, एनआरआई सेवा सिंह ने दीप शिखा प्रज्ज्वलित करके किया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री कमल गुप्ता ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रसिद्घ लोक कलाकार हरविन्द्र राणा और लूर नृत्य प्र्रस्तुत करने वाली सभी छात्राओं और एनआरआई सेवा सिंह को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
महोत्सव में दूसरे दिन की सांस्कृतिक संध्या में पहले स्लॉट में कुरुक्ष्ेात्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग की तरफ से प्रसिद्घ लोक कलाकार हरविन्द्र राणा ने सुन गीता का ज्ञान की प्रस्तुति देकर सभागार के माहौल को गीता के उपदेशों से भक्तिमय कर दिया। इस प्रस्तुति की सभी दर्शकों ने जमकर सरहाना की है। इस प्रस्तुति के बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की तरफ से लूर नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इस प्रस्तुति में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की छात्राओं ने पराम्परिक लोक नृत्य लूर प्रस्तुत किया। यह नृत्य लगभग लुप्त होने के कागार पर है, इन छात्राओं ने लूर नृत्य के माध्यम से प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को दिखाने का एक अनूठा प्रयास किया है।

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