लकड़ी के फूलों ने जीता दिल पर्यटकों का

लकड़ी के फूलों ने जीता दिल पर्यटकों का

महोत्सव में सोलवुड, बांस व कपड़े के फूलों को पसंद किया पर्यटकों ने, 10 रूपए से लेकर 40 रुपए में मिल जाएगा आकर्षक फूलकुरुक्षेत्र 16 दिसंबर गुलाब, चमेली व गेंदे के साथ-साथ अन्य किस्म के फूलों को पीछे छोड़ते हुए लकड़ी व खजूर की छाल से तैयार किए गए रंग बिरंगे फूलों ने पर्यटकों का दिल जीत लिया। लकड़ी से तैयार किए गए लम्बी उम्र के इन फूलों के चारों तरफ कदरदान नजर आए। महज दस रूपए देकर फूलों की एक छड़ को पर्यटक अपने घर ले जा रहे थे। उनके इन फुलों की कीमत 10 रुपए से लेकर 40 रूपए तक की है। महोत्सव में पिछले कई सालों से कागज के फूल लाने वाली शिल्पकार स्वाती बैनर्जी ने वीरवार को अपने दिल की बात को सांझा करते हुए कहा कि ब्रह्मसरोवर पर रंग बिरंगे लकड़ी के फूल मौसम को रंगीन बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। रंग बिरंगे फूलों की एक छड़ की कीमत केवल दस रूपए से लेकर 40 रूपये ही रखी गई है। महोत्सव के हर दिन लकड़ी के इन रंग बिरंगे फूलों के चाहने वालों की तादाद में इजाफा हुआ है। उनके फूलों को खास मेहमानों तक पहुंचाने के लिए सरकार के माध्यम से दी जा रही ऋण सुविधा सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सरकार की इन योजनाओं का वे कभी अहसान नहीं भूल पाएंगी। आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में जहां सरकार ने मदद की है, वहीं पर्यटकों ने फूल खरीद कर सरकार की योजनाओं पर अपनी मोहर लगा दी है। उनका कहना है कि वे इस महोत्सव में खास तौर पर फूलों को प्यार करने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए करीब एक दर्जन से ज्यादा वैराईटी के रंग बिरंगे फूल तैयार करके लाई हैं। खजूर की छाल से तैयार किए गए फूलों को सबसे ज्यादा सराहा है।

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