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राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में उद्यान विभाग का स्टॉल बना किसानों व पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र

स्टॉल पर विभिन्न फसलों व फलों की खेती करने से संबंधित दी जा रही है जानकारी, सरकार की विभिन्न फसल योजनाओं का किसान उठा सकते है फायदा
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में उद्यान विभाग कुरुक्षेत्र का स्टॉल पर्यटकों व किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। स्टाल पर रखी लाल, हरी व पीली शिमला मिर्च (कलर्ड कैप्सिकम) तथा चेरी टमाटर हर कोई उठा कर उत्सुकता से देख रहा है। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान बागवानी विभाग से संबंधित सभी स्कीमों की विस्तृत जानकारी लेने के लिए निरंतर स्टॉल पर विजिट कर रहे है। उद्यान विभाग के अधिकारी भी किसानों के ज्ञानवर्धन में कोई कसर नहीं छोड़ रहे और स्टॉल पर आने वाले हर किसान को बागवानी से जोड़ने के लिए प्रयासरत है तथा किसानों को धान व गेहूं के चक्र से बाहर निकल कर फसल विविधीकरण अपनाने के लिए जागरूक कर रहे है, जिससे किसानों की आय को बढ़ावा मिले और जल संरक्षण की दिशा में भी किसान आगे बढ़े।
जिला उद्यान विभाग के स्टॉल पर मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत कवर होने वाली सब्जियों, फलों तथा मसालों को उगाने के लिए प्रेरित कर रहे है, जिसके तहत प्रदेश सरकार द्वारा सब्जियों व मसालों की शत प्रतिशत 30 हजार तथा फल की फसल खराब होने पर 40 हजार रुपये तक का मुआवजा किसानों को दिया जा रहा है। इस योजना में पंजीकरण के लिये किसान को प्रीमियम राशि मात्र 750 रुपये से एक हजार रुपए प्रति एकड़ तक देते हुए विभाग की वेबसाइट पर जाना जरूरी है। स्टॉल पर भावांतर भरपाई योजना, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, एकीकृत कीट प्रबंधन तथा किसान उत्पादक संगठन निर्माण सहित विभाग की अन्य योजनाओं की जानकारी से संबंधित प्रचार सामग्री पर्यटकों को वितरित की जा रही है।
भावांतर भरपाई योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए स्टॉल पर मौजूद अधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत विभिन्न फसलें शामिल की गई है। सरकार द्वारा इनका संरक्षित मूल्य निर्धारित किया गया है। इससे किसान की फसल मंडी में कम भाव पर बिकने पर जो भाव का अंतर है, उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जाती हैं। पंजीकृत किसान फसलों का वेरिफिकेशन करवाकर, मंडी में फसल बेचकर व जे फार्म कटवाकर योजना का लाभ ले सकता है। सरकार द्वारा संचालित बागवानी विभाग की विभिन्न योजनाओं में अनुसूचित जाति के परिवारों के लिए भी विशेष अनुदान राशि का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति के किसानों के लिए विभाग द्वारा सब्जियों में बॉस स्केटिंग, मशरूम उगाने, सब्जियों में आयरन स्टैकिंग, नेट हाउस लगाने तथा उच्च मूल्य सब्जियां व फूल उगाने पर अनुदान दिया जा रहा है। स्टॉल पर विभाग के तकनीकी स्टॉफ द्वारा भी तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है और किसानों के लिए सरकार द्वारा संचालित प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं पर भी प्रकाश डाला जा रहा है।

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