राजस्थानी हींग के साथ-साथ अन्य उत्पाद ब्रह्मसरोवर पर बिखर रहे हैं राजस्थान की खुशबू

राजस्थानी हींग के साथ-साथ अन्य उत्पाद ब्रह्मसरोवर पर बिखर रहे हैं राजस्थान की खुशबू

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्म सरोवर के तट पर राजस्थानी हींग के साथ-साथ अन्य उत्पाद राजस्थान की खुशबू को बिखेर रहे हैं। इस खुशबू को बिखरने में जयपुर निवासी गोविंद शर्मा और उनके भाई मंगेश शर्मा का बहुत योगदान है जो कि ब्रह्म सरोवर तट पर 329 नंबर स्टॉल पर राजस्थान की हींग के साथ-साथ अन्य उत्पाद बेच रहे हैं।

गोविंद शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि वह जयपुर के रहने वाले हैं और उनके पिताजी भी हींग व अन्य जड़ी बूटियां से संबंधित बने उत्पादों का काम करते आए हैं। उनकी राजस्थानी हींग बहुत ही प्रसिद्ध है जो की बिल्कुल शुद्ध है। उन्होंने बताया कि यह हींग जंगल में पाए जाने वाली हट्टा हींग को पीसकर बनाई गई है। आजकल मार्केट में बहुत सारी नकली हींग बिक रही है लेकिन वह बिल्कुल शुद्ध हींग बेचते हैं। जो की खाने में जायके को तो बढ़ाती ही है यही नहीं यह सेहत के लिए भी अच्छी होती है। उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ वे पहाड़ी अदरक जिस पर मीठा चढ़ाकर उसे तैयार किया जाता है यह खांसी और पाचन क्रिया में बहुत कम आती है, मद्रासी मेथी जिसे हरड़,बहेड़ा, आंवला, पी, अर्जुन की छाल और कौंच के बीज को पीसकर इन्हें मेथी के ऊपर चढ़ाकर बनाया जाता है। यह सुबह खाली पेट ली जाती है जिससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।

गोविंद ने बताया कि उनका राजस्थानी ड्राई पान भी बहुत प्रसिद्ध है जिसे छांव में सुखाकर तैयार किया जाता है इसमें गुलकंद इत्यादि मिलकर रखा जाता है यह कई महीनों तक खराब नहीं होता और उसे घर में उपयोग में लाया जा सकता है। यही नहीं राजस्थानी पहाड़ी कद्दू के बीज भी दी और अस्थमा के रोग के लिए काम में आता है। उन्होंने कहा कि वह जड़ी बूटियां का काम करते आए हैं और शुद्ध चीज ही रखते हैं। उन्होंने बताया कि वह विगत 2012 से कुरुक्षेत्र में आयोजित गीता जयंती में अपने उत्पादों को बेचने के लिए आते हैं और विशेष कर उपरोक्त उत्पादों को लोग बड़े मन से खरीदते हैं कई लोगों ने हमें ऑनलाइन ऑर्डर देकर भी मंगवाया है।

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