योगदा तत्सम सोसायटी लेकर आई जीने की कला

योगदा तत्सम सोसायटी लेकर आई जीने की कला

विराट कोहली भी बन चुके परमहंस योगानंद योगी के शिष्य

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला के ब्रह्मसरोवर पर स्टॉल नंबर 612 पर किस्मत हरियाणा के करनाल जिले से योगदा तत्सम सोसाइटी के अंतर्गत ईश्वर प्राप्ति के शाही विज्ञान (रॉयल साइंस ऑफ गॉड रियलाइजेशन) को लेकर प्रस्तुत हुए हैं। योगदा तत्सम सोसाइटी की स्थापना परमहंस योगानंद द्वारा 1917 में चंड़ीगढ़ मे की गई थी, इनके पास अध्यातमित्ता से जुड़ी अनेकों किताबे मौजूद है, जिसमें से सबसे श्रेष्ठ है परमहंस योगानंद योगी की आत्मकथा जो की भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के द्वारा भी पढ़ी गई है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनके पास आर्ट ऑफ लिविंग, विजय का मार्ग कैसे पाएं, जीवन का पुनर्निर्माण, ईश्वर की असीम शक्ति द्वारा रोग मुक्ति, चरित्र दोषों पर विजय कैसे पाएं, बच्चों का उचित लालन पालन, कहां हैं हमारे दिवंगत प्रियजन, दिव्य प्रेम का विकास कैसे करें, चिंता मुक्त जीवन, गुरु शिष्य संबंध, धर्म विज्ञान, जैसी और भी अनेकों किताबें मौजूद है, जिनके द्वारा ये देश विदेश में ज्ञान का प्रसारण कर रहे हैं। इनमे से कई किताबे परमहंस योगानंद योगी के आत्मकथा के पार्ट्स है, जिसे कम समय अपने इच्छा अनुसार विषय को पढ़ा जा सकता है। ये सभी किताबे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं। इनकी किताबों का मूल्य 10 से 900 रुपए तक का है, जो हर आम आदमी खरीदने का सामर्थ्य रखता है। ये सोसायटी डोनेशन के द्वारा चलती है। ये गीता महोत्सव पर पिछले 2 वर्षो से आ रहे हैं। किताबों के अलावा इनके पास आर्ट ऑफ लीविंग, नाउ टु लिव (अब जीना है), जैसे कोर्स भी उपलब्ध जो कि निशुल्क है।

Quick Navigation