गीता के संदेश को जीवन में आत्मसात करना जरूरी:विदुरा विक्रमनायके

गीता के संदेश को जीवन में आत्मसात करना जरूरी:विदुरा विक्रमनायके

श्रीलंका और भारत की संस्कृति आपसी आदान प्रदान के लिए आए हैं महोत्सव में, श्रीलंका के सांस्कृतिक मंत्री ने हरियाणवी गीतों पर जमकर किया डांस

गीता के संदेश को जीवन में आत्मसात करना जरूरी है। भगवान श्री कृष्ण ने इस पवित्र भूमि पर अर्जुन को गीता का संदेश देते हुए कहा था कि सबसे बड़ी मानवता है और हमें प्रत्येक व्यक्ति के साथ इंसानियत का व्यवहार करना चाहिए। गीता में भी मानवता के कल्याण की बात कही गई है और यही संदेश अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव दे रहा है।

यह विचार श्रीलंका के बुद्ध शासन, धार्मिक और धार्मिक सांस्कृतिक मामलों के मंत्री विदुरा विक्रमनायके ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देर सायं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा बनाए हरियाणा पवेलियन के मंच पर व्यक्त किए।विदुरा विक्रमनायके ने कहा कि कुरुक्षेत्र की इस पावन भूमि पर आकर उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है। इस भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन ने मानवता का संदेश दिया था। प्रत्येक व्यक्ति एक समान है। हरियाणा की संस्कृति बहुत समृद्ध और यहां के लोग बुद्धिमान होने के साथ-साथ बहुत मस्त हैं। वे श्रीलंका से विशेष रूप से भारत के साथ सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए आए हैं। खासतौर पर हरियाणा की संस्कृति से बहुत प्रभावित हुए हैं। हरियाणा पैवेलियन आकर उन्हें बहुत अच्छा लगा।

उन्होंने कहा कि जल्द ही वे हरियाणा प्रतिनिधिमंडल को श्रीलंका बुलाएंगे। हरियाणा पवेलियन का अवलोकन कर उन्होंने हरियाणा की लोक संस्कृति को जाना और मंच पर हरियाणा के लोक कलाकारों के साथ हरियाणा के लोक गीतों पर झूमे भी। इस अवसर पर उनके साथ रूआनी थिलाका, अथिला किशानी भी मौजूद थी। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सीईओ व एडीसी अखिल पिलानी व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के प्रो. महासिंह पुनिया ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर उनके साथ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डॉ. ज्ञान चहल, डॉ. सुशील टाया, डॉ. हरविंद्र सिंह उपस्थित थे।

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