कुरुक्षेत्र 22 दिसंबर संगीत और कला प्रेमियों के लिए अभिवंदन विज अब एक परिचित नाम बन चुका है, अपनी उंगलियों से सुर लहरियों को छेड़ने वाले अभिवंदन विख्यात तबला वादक है। जिस उम्र में बच्चे अपने माता-पिता की उगंली थामे कदमों को साधना सीखते हैं, उस उम्र में अभिवंदन की संगीत साधना आरंभ हो गई थी। तीन वर्ष की आयु से अभिवंदन तबला सीख रहें हैं। दिल्ली के विकास पुरी इलाके में स्थित केआर मंगलम वर्ल्ड स्कूल के छात्र अभिवंदन की ख्याति आज देश-विदेश में फैल चुकी है। केवल पांच वर्ष की आयु में अभिवंदन आकाशवाणी ही नहीं दूरदर्शन तक में अपनी प्रस्तुति दे चुके थे।
अभिवंदन लगातार सफलता की सीढियां चढ़ते हुए अब तक ताज महोत्सव, लखनऊ महोत्सव, अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव, राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव, बीबीसी हिंदी, बीबीसी पंजाबी, हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में अपना जलवा बिखेर चुके हैं। इसके साथ अभिवंदन अनेक सरकारी तथा निजी टीवी, रेडियो एफएम चैनलों पर भी अपना हुनर दिखा चुके है। ऑल इंडिया रेडियो की विदेश प्रसारण सेवा से पांच महाद्वीपों में अभिवंदन के तबला वादन का प्रसारण हुआ है। अभिवंदन पर एक डॉक्यूमेंट्री मूवी भी बन चुकी है। अभिवंदन विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। उन्होंने अमेरिका में कई जगहों पर तबला वादन किया साथ ही सिंगापुर में भी अपनी प्रस्तुति दी। अभिवंदन को कई अवॉर्ड, मेडल्स, सर्टिफिकेट्स और नगद पुरस्कार मिल चुके है। देश-विदेश के कई शहरों के मुख्य समाचार-पत्रों में इनके और इनकी प्रतिभा के बारे में खबरें प्रकाशित हो चुकी हैं।
तबला बजाना अभिवंदन का पैशन है। उनका कहना है कि हम लोग अपने भारतीय संगीत और वादन संस्कृति को भूलते जा रहे हैं खासकर आज के जो मेरे युवा भाई बहन है। वह इस ओर अपना रुझान कम रखते है। उनका उद्देश्य शताब्दियों से चली आ रही संगीत साधना की भारतीय संस्कृति को अपने इस प्रयास द्वारा आगे बढ़ाना है तथा अपने समवयस्क दोस्तों को इस सन्दर्भ में जागरूक करना है। अभिवंदन संगीत साधना को सांस्कृतिक विकास का अनिवार्य तत्व मानते है। इसके साथ वे चाहते हैं कि आने वाली पीढ़ी भी अपनी इस संस्कृति को आगे बढ़ाएं। विदेशी संगीत में भी अभिवंदन की रूचि है।