अंकुरित मोटे अनाज के उत्पाद बना रहे हैं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शोधार्थी

अंकुरित मोटे अनाज के उत्पाद बना रहे हैं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शोधार्थी

अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में लगे हरियाणा पैवेलियन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा लगाए गए स्टॉल पर अंकुरित मोटे अनाज के उत्पाद सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। शिक्षा के साथ-साथ विश्वविद्यालय के गृह विभाग के शोधार्थी स्टार्टअप के तहत पैसे भी कमा रहे हैं।

युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पुनिया ने बताया कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के मार्गदर्शन में हरियाणा पवेलियन तैयार किया गया है, जिसमें विशेष रूप से विश्वविद्यालय के गृह विभाग के छात्रों को स्टॉल दिया गया है। गृह विभाग के शोधार्थी अंजलि, समृद्धि, महक, अंविका ने बताया कि वे चारों कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के गृह विभाग में शोधार्थी हैं। उन्होंने अप्रैल माह में प्रयास प्रतिस्पर्धा में भाग लिया था, जिसमें वे पूरे विश्वविद्यालय में प्रथम आई थी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर की टीम ने इनका मूल्यांकन कर स्टार्टअप के तहत उन्हें 10 लाख रुपये की छात्रवृत्ति दी है, जितसके तहत वे अंकुरित मोटे अनाज के उत्पाद तैयार करेंगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में लोग मोटे अनाज के उत्पाद पसंद कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने मोटे अनाज से कोदो मिलेट बिस्कुट, बार्नयार्ड मिलेट कुकीज, रागी चॉकलेट ट्रफल, अंकुरित मिलेट पंजीरी, अंकुरित बाजरे के लड्डू, शुगर फ्री ज्वार केक प्रीमिक्स में तैयार कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि उन्होंने मिलोर कम्पनी बनाई है, जिसमें वे मोटे अनाज के उत्पादन बना रही हैं। अभी वे शोध का कार्य कर रही हैं तथा साथ में इस प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं। जल्द ही वे भारी संख्या में अपने उत्पाद बनाएंगी तथा एक वेबसाइट बनाकर ऑनलाईन बिक्री शुरू करेंगी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन सेंटर की निदेशक डॉ. अनुरेखा शर्मा के मार्गदर्शन में वे काम कर रही हैं। उन्हें विश्वविद्यालय ने जो अपना उद्योग स्थापित करने के लिए स्टार्टअप के तहत जो छात्रवृत्ति दी है, उसकी राशि उन्हें किश्तों में मिलेगी और वे उसी योजना के तहत अपनी कम्पनी को स्थापित करने का कार्य कर रहे हैं। कम समय में ही उन्हें बहुत ज्यादा लोगों का सहयोग मिल रहा है और भारी संख्या में लोग उनके बनाए हुए उत्पाद को पसंद कर रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की तारीफ करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में छात्रों को आगे बढ़ने के लिए पूरा सहयोग किया जा रहा है। पढ़ने के साथ-साथ वे आत्मनिर्भर भी बन गए हैं।

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