अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर एक ऐसा स्टॉल भी है जहां पर मूक बधिर बच्चों द्वारा बनाया गया सामान प्रदर्शित किया जा रहा है और यह दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। मूक-बधिर बच्चों द्वारा बनाया गया सामान कला के रंग कितने बखूबी से भरे गए हैं कि आपका मन भी इन्हें खरीदने के लिए करेगा और आप इसे खरीद भी सकते हैं। यह सामान हरियाणा प्रदेश के मुख बधिर बच्चों ने बनाए हैं जो हरियाणा प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में अपनी कला को दिखा रहे हैं यह सब इनके हुनर का ही नतीजा है।
हरियाणा वेलफेयर सोसाइटी फॉर पर्सन विद स्पीच एंड हियरिंग इंपेयरमेंट गुरुग्राम सेंटर की अतिरिक्त निदेशक डा. सीमा ने कहा कि हरियाणा के अंदर इनके 7 सेंटर हैं जिनमें गुड़गांव, पंचकूला, करनाल, सोनीपत, हिसार, सिरसा, रायपुर रानी, मेवात में इन सभी मूक-बधिर बच्चों को पढ़ाया जाता है। नर्सरी से लेकर 12वीं तक बच्चों को उच्च शिक्षा दी जाती है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में आने का उद्देश्य यही है कि मूक बधिर बच्चों की कला को दिखाया जा सके और दिखा सकें कि मूक बधिर बच्चे आज किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है उनकी कला को किस तरह से लोग देख रहे हैं हरियाणा प्रदेश में 7 जगह इनके स्कूल हैं 300 से ज्यादा बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनका एक ही उद्देश्य है कि हरियाणा प्रदेश में शिक्षा के अभाव से कोई भी मूक बधिर बच्चा ना छूट पाए क्योंकि प्रदेश सरकार इनके लिए तमाम सुविधाएं मुहैया करा रही है।