अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में विभिन्न विक्रेताओं के स्टॉल लगाए गए, जो भारतीय संस्कृति, कला, और हस्तशिल्प का अद्भुत संग्रह प्रस्तुत करते हैं। यहाँ पर पारंपरिक वस्त्र, आभूषण, भगवान के भव्य मूर्तियाँ, और स्थानीय हस्तशिल्प की अनगिनत रचनाएँ देखने को मिलीं। इन स्टॉल्स पर विक्रेता न केवल अपनी कला और संस्कृति को प्रदर्शित कर रहे थे, बल्कि दर्शकों को भारतीय विरासत से जुड़ने का भी अवसर प्रदान कर रहे थे।
यह आयोजन न केवल व्यापारिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और भारतीय लोक कला के प्रचार-प्रसार का अद्वितीय माध्यम भी था।
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