अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 में, जहां सांस्कृतिक धरोहर और शिल्प कला की अद्भुत प्रदर्शनी हो रही है, वहीं स्वरोजगार करने वाले छोटे व्यापारियों के लिए भी एक बेहतरीन मंच तैयार किया गया है। सरस्वती स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाए गए हैंडमेड आचार के स्टॉल ने सबका ध्यान आकर्षित किया है।
उषा रानी, जो गांव संघौर में 32 महिला समूहों का संचालन करती हैं, ने अपने स्टॉल पर 40 प्रकार के स्वादिष्ट अचार और मुरब्बे पेश किए हैं, जिनका स्वाद और गुणवत्ता विशेष रूप से ध्यान आकर्षित कर रही है। इन अचारों का स्वाद पूरी तरह से प्राकृतिक और रसायन-मुक्त है, और ये स्वदेशी मसालों से बनाए जाते हैं।
इस स्टॉल का सबसे अहम पहलू यह है कि उषा रानी के अचारों की मांग सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बढ़ रही है। रोमानिया, जिम्बाब्वे और अमेरिका के व्यापारियों से बातचीत चल रही है, और जल्द ही उनके उत्पाद विदेशों में भी उपलब्ध होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में इस तरह के छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने का अवसर मिल रहा है, जिससे न केवल स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन मिल रहा है, बल्कि वे अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर तक पहुंचाने में भी सक्षम हो रहे हैं।
आइए, इस महोत्सव का हिस्सा बनिए और इन अद्भुत उत्पादों का स्वाद लीजिए, जो भारत की सांस्कृतिक और स्वदेशी विरासत को प्रदर्शित करते हैं!