सुदिन एवं नर्वदा नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 32 कि.मी. दूर आंेकार का खेड़ा कहे जाने वाले एक प्राचीन टीले पर स्थित है। महाभारत और पौराणिक साहित्य में इस तीर्थ को दुर्लभ
बताते हुए इसका सेवन करने वाले व्यक्ति के लिए सूर्य लोक की प्राप्ति बताई है।
यह टीला लगभग 15 एकड़ भूमि में फैला हुआ है जिसमें उत्तर हड़प्पा काल से लेकर गुप्त काल तक के अवशेष मिलते हैं। तीर्थ पर पूर्व पश्चिम अक्षीय पंचरथ आधार योजना वाला तथा पद्माकार नागर शिखर युक्त एक मन्दिर हैं। वर्गाकार आधार वाले इस मन्दिर की आन्तरिक भित्तियों पर शेषाशायी विष्णु, मत्स्यावतार, नृसिंह, वराह, परशुराम, कालियमर्दन, शिव पार्वती के दृश्यों के अतिरिक्त शेर का शिकार करते योद्धा के चित्र एवं छत पर वानस्पतिक अलंकरण हैंै। तीर्थ सरोवर मन्दिर के पूर्व में स्थित है।