International Gita Mahotsav

Som Tirth, Samana Bahu


सोम नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 29 कि.मी. दूर समाना बाहु ग्राम में स्थित है। महाभारत और वामन पुराण में इसका उल्लेख कई स्थानों पर मिलता है।
महाभारत में इसे सोम लोक प्रदाता कहा है
ततो गच्छेत् नरश्रेष्ठ सोमतीर्थमनुत्तमम्।
तत्र स्नात्वा नरो राजन सोमलोकमवाप्नुयात्।
(महाभारत, वन पर्व 83/14-15)
ततो जयन्त्यां राजेन्द्र सोमतीर्थ समाविशेत्
स्नात्वा फलमवाप्नोति राजसूयस्य मानवः।।
(महाभारत, वन पर्व 83/19-20)
वामन पुराण में स्नान करने का महत्त्व महाभारत के समान ही कहा है इससे स्पष्ट है कि यह तीर्थ अति प्रतिष्ठित था।
ततो गच्छेत् विप्रेन्द्राः सोमतीर्थमनुत्त्मम्।
यत्र सोमस्तपस्तप्त्वा व्याधिमुक्तो अभवत्पुरा।।
तत्र सोमेश्वरं दृष्ट्वा स्नात्वा तीर्थवरे शुभे।
राजसूयस्य यज्ञस्य फलं प्राप्नोति मानवः।।
व्याधिभिश्च विनिर्मुक्तः सर्वदोषविवर्जितः।
सोमलोकमवाप्नोति तत्रैव रमते चिरम्।।
(वामन पुराण, 34/33-35)
कहा जाता है कि इस सोम तीर्थ में स्नान करने से चन्द्रमा कोे व्याधि से मुक्ति मिली थी। अतः इसे सोम तीर्थ की संज्ञा प्राप्त हुई। सोम तीर्थ में स्नान करने से राजसूर्य यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है और रोग और दोष नष्ट हो जाते हैं। यहाँ स्नान करने वाला व्यक्ति सोम लोक को प्राप्त करके चिरकाल तक वहाँ निवास करता है। जनश्रुति है कि प्राचीन काल में यहाँ तेरह तपस्वी साधुओं ने एक श्वान के साथ जीवित समाधि ली थी। पृथ्वी में समाधि लेने के कारण ही इस ग्राम का नाम समाना प्रसिद्ध हुआ।

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