International Gita Mahotsav

 

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

Kurukshetra, Haryana (15 November to 5 December 2025)

Lomash Tirth, Lohar Majra

यह तीर्थ कुरुक्षेत्र से लगभग 15 कि.मी. की दूरी पर लोहार माजरा नामक ग्राम में स्थित है। इस तीर्थ का सम्बंध लोमश ऋषि से है जो एक महान कथावाचक थे। इन्हांेने ही इन्द्र और अर्जुन का संदेश काम्यक वन में युधिष्ठिर को सुनाया था। उनके कुशलक्षेम और दिव्यास्त्रों की प्राप्ति की बात बताई। महर्षि लोमश ने युधिष्ठिर को काम्यक वन में अनेकानेक कथाएं सुर्नाइं, जिनका वर्णन महाभारत में विस्तृत रूप में उपलब्ध है।
महाभारत के वन पर्व के अनुसार एक बार स्वर्ग में जाने पर लोमश द्वारा देवराज इन्द्र के सिंहासन के आधे भाग पर अर्जुन को स्थित देखकर उनके मन में यह प्रश्न उठा कि किन गुणों के कारण अर्जुन को यह सम्मान प्राप्त हुआ है। इन्द्र ने उनके मन में उठे प्रश्न का उत्तर देकर उसका समाधान किया। तत्पश्चात् ये इन्द्र और अर्जुन का सन्देश लेकर काम्यक वन में निवास कर रहे धर्मराज युधिष्ठिर के पास पहुँचे और उन्हें अर्जुन की कुशलक्षेम के साथ ही उसके द्वारा दिव्यास्त्रों की प्राप्ति के बारे में भी बताया।
महर्षि लोमश ने धर्मराज युधिष्ठिर को महर्षि अगस्त्य, राम, परशुराम, देवताओं के हितार्थ एवं रक्षार्थ महर्षि दधिचि के अस्थि दान, राजा सगर के तप, शिव द्वारा उन्हें वर प्राप्ति, कपिल के क्रोध से सगर के साठ हजार पुत्रों के विनाश, भगीरथ के भागीरथ प्रयास द्वारा गंगा के पृथ्वी पर अवतरण एवं गंगा के द्वारा सगर पुत्रों के उद्धार आदि की अनेकानेक कथाओं का श्रवण करवाया।

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