International Gita Mahotsav

Kush / Ramsar Tirth, Kuchrana Kalan

कश/रामसर नामक यह तीर्थ, जींद से लगभग 28 कि.मी. की दूरी पर कुचराना ग्राम में स्थित है। महाभारत के अनुसार प्राचीन काल में कुश नामक एक महर्षि थे जो अग्निदेव के समान प्रतापी थे। अपनी तपस्या के बल से ही यह अग्नि के समान प्रतापी हुए थे। कहा जाता है कि इन्हीं महर्षि कुश ने इस तीर्थ पर दीर्घ समय तक कठोर तप किया था। इसीलिए उनके नाम पर इस तीर्थ का नाम कुश तीर्थ पड़ गया। महाभारत के अनुशासन पर्व में कुशस्तम्ब एवं कुशावर्त नामक तीर्थांे का वर्णन है। कूर्म पुराण में भी कुश तीर्थ का वर्णन है।
यहाँ तीर्थ स्थित सरोवर पर घाट में एक प्रवेश द्वार दो मेहराबों से निर्मित है। घाट के दोनों तरफ अष्टभुजा आकृति की बुर्जियाँ हैं। सरोवर के पास एक कृत्रिम टीले पर एक आधुनिक समाधि का निर्माण किया गया है जो कि बाबा ब्रह्मदास को समर्पित है। सरोवर के चारों ओर बड़, पीपल व कीकर आदि के वृक्ष हैं।

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