पर्यटन मंत्री डा. अरविंद शर्मा ने श्री भद्रकाली शक्तिपीठ में पूजा-अर्चना की और कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर एवं गीता ज्ञान संस्थान के संग्रहालय और मंदिर का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गौ माता की सेवा करना मां की सेवा करने के समान है, और हमें गायों को बेसहारा छोड़ने की बजाय उनकी सेवा करनी चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि पवित्र ग्रंथ गीता में ऐसे कई अहम विषयों को समझाने का प्रयास किया गया है, जिनसे हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं। सरकार की कोशिश है कि गीता के उपदेशों को घर-घर तक पहुंचाया जाए, और यही उद्देश्य लेकर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव जैसे धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
डा. अरविंद शर्मा ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से पूरी दुनिया को गीता के उपदेश मिल रहे हैं और इससे न केवल जीवन के धार्मिक पहलू को समझने में मदद मिल रही है, बल्कि सकारात्मक सोच और संस्कार भी प्राप्त हो रहे हैं। विशेष रूप से जेलों में भी बंदियों को गीता के उपदेशों से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है, जिससे उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आए।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने गीता के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है, और इस महोत्सव के माध्यम से हर घर में गीता का गुणगान हो रहा है।