International Gita Mahotsav

Daksheshwar Tirth, Dachar


दक्षेश्वर नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 31 कि.मी. दूर डाचर ग्राम में स्थित है। कुरुक्षेत्र के तीर्थों के पौराणिक वर्णन के अन्तर्गत वामन पुराण के अनुसार महात्म्य में दशेश्वर अर्थात् दक्षेश्वर तीर्थ का भी स्पष्ट नामोल्लेख उपलब्ध होता है।
इस तीर्थ में जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है दक्षेश्वर शिव विराजमान हैं। इस तीर्थ के धार्मिक महत्त्व का उल्लेख करते हुए वामन पुराण में कहा गया है कि जो मनुष्य इस स्थान पर दक्षेश्वर शिव का दर्शन करता है वह अश्वमेघ यज्ञ के फल को प्राप्त करता है।
ततो दक्षाश्रमं गत्वा दृष्टवा चं दक्षेश्वरं शिवम्।
अश्वमेधस्य यज्ञस्य फलं प्राप्नोति मानवः।
(वामन पुराण, 34/21)
लोक प्रचलित जनश्रुति के अनुसार इसी स्थान पर शिव और सती का पाणिग्रहण संस्कार हुआ था। यहाँ पर प्रजापति दक्ष की राजधनी थी। महाभारत में ऐसा वर्णन मिलता है कि अपने वनवास के दौरान पाण्डव भी यहाँ आए थे।
इस तीर्थ में एक उत्तर मध्यकालीन मन्दिर की छत पर सुन्दर वानस्पतिक अलंकरण हैं। मन्दिर की भित्तियों पर हाथी पर सवार योद्धा, दधि मन्थन, नाभिकमल से ब्रह्मा की उत्पत्ति, श्रवण कुमार, गोपियों के मध्य कृष्ण आदि अनेक प्रसंगों का चित्रण है।

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