मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने घोषणा की है कि 11 दिसंबर 2024 को गीता जयंती के अवसर पर उज्जैन और भोपाल में 5,000 कृष्ण भक्त एक साथ गीता पाठ करके विश्व रिकॉर्ड बनाएंगे। यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का हिस्सा होगा, और इसके माध्यम से गीता के 18 अध्यायों को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का एक अनूठा प्रयास किया जाएगा। इस कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र के साथ ऑनलाइन जुड़कर गीता के उपदेशों का प्रचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस महोत्सव के दौरान मध्य प्रदेश को सहयोगी राज्य के रूप में शामिल करने की इच्छा भी व्यक्त की है, और इसके लिए उन्होंने हरियाणा सरकार से निवेदन किया है। यह कार्यक्रम कुरुक्षेत्र में हो रहे अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव से जुड़ा होगा।
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने ब्रहमसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में हुए संत सम्मेलन में कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता का ज्ञान पूरी दुनिया में फैल चुका है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसके उपदेशों को वैश्विक स्तर पर प्रचारित किया है। उन्होंने स्वामी ज्ञानानंद की भूमिका को भी सराहा, जिन्होंने गीता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में गीता के उपदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गुरुकुल परंपरा को फिर से जीवित किया जा रहा है, और पाठ्यक्रम में गीता के उपदेशों को शामिल किया जा रहा है। इसके साथ ही, गीता भवन बनाने की योजना भी लागू की गई है, जिससे समाज में एक नया परिवर्तन आएगा।
इसके अलावा, मध्य प्रदेश में कृष्ण पथ की योजना बनाई गई है, जिसके तहत उज्जैन से मथुरा तक तीर्थ स्थलों का विकास किया जाएगा। इसमें श्री कृष्ण की 64 कलाओं और 14 विद्याओं को लेकर कृष्ण संग्रहालय भी बनाया जाएगा।
अंत में, उन्होंने यह भी कहा कि 2028 में उज्जैन कुंभ में सभी अस्थाई अखाड़ों और धार्मिक भवनों को स्थाई रूप में विकसित किया जाएगा, और यह हरिद्वार की तर्ज पर किया जाएगा।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने इस संत सम्मेलन में गीता के उपदेशों पर नियमित चिंतन और विमर्श की आवश्यकता पर बल दिया, और मुख्यमंत्री को गीता की प्रति भेंट की।