इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में एक विशेष आकर्षण था – उत्तर प्रदेश की कालीन नगरी और पर्शियन कारपेट की अद्भुत कला! महोत्सव में प्रदर्शित इन शानदार कालीनों और दरियों ने हर दर्शक को भारतीय और पर्शियन हस्तशिल्प की उत्कृष्टता का परिचय कराया।
उत्तर प्रदेश की कालीन नगरी, जहाँ कला और परंपरा मिलकर बुनती हैं न केवल सुंदरता बल्कि हर धागे में इतिहास और संस्कृति की गहरी छाप। वहीं, पर्शियन कारपेट की बारीकी और डिजाइन ने इस प्रदर्शनी को और भी खास बना दिया।
यह आयोजन सिर्फ एक कला प्रदर्शनी नहीं था, बल्कि भारतीय और वैश्विक हस्तशिल्प का अद्भुत संगम था। हर एक कालीन और दरिया अपनी पूरी कहानी कहता है और दिखाता है कि शिल्प के माध्यम से कैसे सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखा जाता है।