इस महोत्सव के दौरान विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों से जुड़े कार्यक्रमों ने एक सांस्कृतिक समागम का रूप लिया, जिससे महोत्सव का हर पल जीवंत और यादगार बन गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भारतीय नृत्य शैलियाँ, संगीत, लोक कला, और पारंपरिक कला रूपों का एक शानदार मिश्रण देखने को मिला। खासकर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा, तमिलनाडु, और अन्य राज्यों के पारंपरिक नृत्य और संगीत ने महोत्सव को एक विविध और समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव प्रदान किया।
इन कार्यक्रमों में ग्राम्य नृत्य, शास्त्रीय संगीत, लोक कला, और संवेदनशील कविता पाठ ने दर्शकों को भारतीय संस्कृति की विविधता और उसकी गहरी जड़ों से परिचित कराया। महोत्सव स्थल पर इन सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने न केवल कला की सुंदरता का जश्न मनाया, बल्कि भारतीय संस्कृति के हर पहलू को दर्शाया।
“भारतीय संस्कृति की असली पहचान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बसी है”
इस महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को भारतीय परंपराओं और कला रूपों से जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर दिया और हर किसी को भारतीय संस्कृति की समृद्धता का अहसास कराया।