हरियाणा पवेलियन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव ने हरियाणवी संस्कृति को जीवंत किया। लोक गायन की शैलियां और हरियाणवी कला के विभिन्न आयामों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पुरुषोत्तमपुरा बाग ब्रह्मसरोवर में हरियाणा कला परिषद द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस पवित्र स्थल को कला और संस्कृति से समृद्ध किया।
ओएसडी पब्लिसिटी गजेन्द्र फोगाट ने अपने गीतों और विकास गीतों के माध्यम से न केवल दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया, बल्कि हरियाणा की विकासात्मक योजनाओं की जानकारी भी दी। उनके प्रस्तुत किए गए गीत “जन्म-मरण से मुक्ति पाना”, “कृष्ण जी अड़े आए”, “उरा आके देखो जी म्हारी गीता जयंती”, “कुरुक्षेत्र में आकर देखो जी” और “राधे-राधे बोल” ने युवाओं को उत्साहित किया और वे तालियों की गड़गड़ाहट के साथ मंच के सामने नाचने लगे।
गजेन्द्र फोगाट ने इस अवसर पर सरकार का धन्यवाद किया कि इस मंच के माध्यम से विभिन्न प्रदेशों के कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिला। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे नशे जैसी बुराईयों से दूर रहें और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने के लिए आगे आएं।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 2016 में शुरू किया गया यह गीता महोत्सव अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में और भी समृद्ध हो रहा है। हरियाणा पवेलियन में राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग की झांकी ने प्रदेश के चहुमुखी विकास को दर्शाया।
कुरुक्षेत्र का पवित्र सरोवर भी पुराणों में सबसे पवित्र माना गया है, जहां स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
आइए, हम सब मिलकर अपनी कला और संस्कृति को बचाए रखें और आगे बढ़ाएं।