अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सापेरा संस्कृति का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला, जिसने दर्शकों को भारतीय पारंपरिक कला और संस्कृति से परिचित कराया। सापेरा समुदाय, जो अपनी सांपों और नृत्य के लिए प्रसिद्ध है, सदियों से भारतीय लोकसंस्कृति का अहम हिस्सा रहा है।
सापेरा नृत्य में विशेष रूप से सर्पों को आकर्षित करने की कला, उनके साथ नृत्य करना और उन्हें सम्मोहित करना शामिल होता है। यह नृत्य न केवल एक कला है, बल्कि यह समुदाय की परंपरा और उनके जीवन के एक महत्वपूर्ण हिस्से को भी दर्शाता है। सापेरा कलाकार पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ अपने नृत्य में जादू बिखेरते हैं, जिससे सांपों के साथ उनका तालमेल और भी आकर्षक बन जाता है।
सापेरा संस्कृति भारतीय ग्रामीण जीवन की गहरी परंपराओं को सहेजकर रखने का काम करती है। यह न केवल सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि भारतीय लोक जीवन के एक महत्वपूर्ण पहलू को भी उजागर करता है।
सापेरा संस्कृति ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय लोककला कितनी समृद्ध और विविधतापूर्ण है।