यूके की डिप्टी हाई कमिश्नर चंडीगढ़ कारोलिन रोबेट ने किया शिल्प, सरस, हरियाणा पैवेलियन और सूचना जनसम्पर्क विभाग की प्रदर्शनी का अवलोकन, सैल्फ हैल्प ग्रुप के सदस्यों के साथ किया सीधा संवाद
कुरुक्षेत्र 1 दिसंबर यूके की डिप्टी हाई कमिश्नर चंडीगढ कारोलिन रोबेट ने कहा कि हरियाणा की संस्कृति और लोक कला अपने आप में अतुलनीय है। इन लोक कलाओं और लोक नृत्यों में भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को भी देखा जा सकता है। इन लोक कलाओं के सहजने के लिए अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव जैसे कार्यक्रमों को आयेाजन करके राज्य सरकार ने एक सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए राज्य सरकार, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड और स्थानीय प्रशासन बधाई के पात्र है।
डिप्टी हाई कमिश्नर चंडीगढ़ कैरोलिन रोबेट वीरवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के शिल्प, सरस मेले का अवलोकन करने के उपरांत अधिकारियों के साथ अपने विचारों को सांझा कर रही थी। इससे पहले डिप्टी हाई कमिश्नर चंडीगढ़ कैरोलिन रोबेट का कार्यालय में पहुंचने पर अतिरिक्त उपायुक्त अखिल पिलानी, सीईओ केडीबी चंद्रकांत कटारिया, केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी, केडीबी सदस्य केसी रंगा ने कॉफी टेबल बुक और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। यहां पर एडीसी अखिल पिलानी व केडीबी सदस्य सौरभ चौधरी ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के बारे में विस्तार से फीडबैक दी है। इसके उपरांत डिप्टी हाई कमिश्नर ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के शिल्प और सरस मेले का अवलोकन किया। इस मेले में सैल्फ हैल्प ग्रुप के सदस्यों से बातचीत की और ग्रुप चलाने के बारे में विस्तार से जानकारी भी हासिल की है। इस मेले में डिप्टी हाई कमिश्नर ने पार्टनर राज्य मध्य प्रदेश की शिल्प कला को भी देखा और इस शिल्प कला की जमकर प्रशंसा भी की है।
डिप्टी हाई कमिश्नर कैरोलिन रोबेट ने शिल्प मेले का अवलोकन करने के बाद सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी, हरियाणा पैवेलियन, श्रीकृष्ण अर्जुन रथ, गीता शिल्प उदायन और मध्य प्रदेश पवेलियन का अवलोकन किया। डिप्टी हाई कमीश्नर ने हरियाणा पैवेलियन में प्रदेश की लोक संस्कृति, लोक नृत्य, वाद्य यंत्रों और प्रदेश की शिल्प कला को देखकर खूब प्रशंसा की। उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए कि हरियाणा की संस्कृति और लोक कलाएं अपने आप में उल्लेखनीय कलाएं है। इन लोक कलाओं की प्रशंसा करते हुए डिप्टी हाई कमिश्नर अपने आप को रोक ना सकी वे स्वयं हरियाणा की लोक संस्कृति के रंग में रंगी नजर आई। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पर्यावरण पर विशेष फोकस देने की जरूरत है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन द्वार ई-रिक्शा और गोल्फ कार्ट चलाकर सराहनीय प्रयास भी किए जा रहे है।