अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर वन विभाग हरियाणा ने कुरूक्षेत्र विकास प्राधिकरण के सानिध्य में आयोजित प्रकृति रक्षा में नागरिक दायित्व थीम पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिले भर से आये विद्यार्थियों ने कागज पर अपने सपनों का रंग उकेरा। सैकड़ों विद्यार्थियों ने निर्मित कलाकृतियों को तीर्थयात्रियों के लिए विशेष प्रदर्शनी लगायी। पर्यावरण प्रदर्शनी के आयोजन स्थल से सभी विद्यार्थी शिक्षक मुख्य मंच तक पर्यावरण मार्च निकाला जिसका नेतृत्व प्रसिद्ध पर्वतारोही सुश्री अनीता कूूंडू एवं संतोष दहिया ने किया। हरियाणा के प्रधान वन संरक्षक श्री वी एस तंवर ने कहा कि कुरुक्षेत्र के 48 कोस के क्षेत्र में वन विभाग विशेष अभियान चलाकर पंचवटी रोपित करके वृंदावन की संस्कृति को स्थापित करेगा, इस क्षेत्र के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों में प्रकृति ज्ञान केन्द्र की स्थापना कर प्रकृति रक्षा का साहित्य उपलब्ध करायेगा। इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक जी. रमण ने कहा कि हमारे पूर्वज सदा से ही अहिंसा परमो धर्म तथा जीयो और जीने दो की उक्ति का पालन करते थे। परन्तु आज हम अपने मार्ग से थोड़े बिमुख हो गये हैं। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी में ऐसे संस्कार रोपित करें जिससे वो पर्यावरण संरक्षण को अपने व्यवहार में आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि अब अपने आने वाली पीढ़ी को भी पर्यावरण संरक्षण सरोकार में भी जीने के लिए उत्साहित करना होगा। मुख्य वन संरक्षक निवेदिता ने कहा कि धरती मां है, धरती पालनहार है। जिस तरह नेक और सदाचारी बालक कभी भी अपने माता को नुकसान नहीं पहुंचाता है। वैसा ही व्यवहार हमें अपनी धरती मां के साथ भी करना चाहिए, क्योंकि धरती ही हमारे जीवन का आधार है। उन्होंने कहा कि आज हम ऐसा आत्मघाती व्यवहार कर रहे हैं कि जिस डाल पर बैठे हैं उसी डाल को काट रहे हैं। वन मंडल अधिकारी प्रशिक्षण श्री अजय पाल ने कहा कि वन विभाग के प्रशिक्षुओं का नागरिक संवाद का अभिनव प्रयोग सामुदायिक हिस्सेदारी से वनाच्छादित हरियाणा के सपने को साकार करेगा। इस अवसर पर मंडलीय प्रचार अधिकारी सरोज पवार, तरूण कुमार, राकेश कुमार, पी आर ओ रीता राय, सरिता विशेष रूप से उपस्थित थे। रविवार प्रदर्शनी परिसर में वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल करनाल के विद्यार्थियों के सहयोग चित्रकला कार्यशाला तथा पूरे मेला परिसर में पर्यावरण संस्कार यात्रा का संयोजन किया गया। जिसकी अगुवाई प्रसिद्ध पर्वतारोही सुश्री अनिता कूंडू ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों के जोश और जज्बे को देखकर कहा कि जिस धरती के बच्चे इतने संवेदनशील है उसका भविष्य सुरक्षित है। उन्होंने धरती जंगल जीव और पानी, बिन इनके राहत बेमानी, हरि का अरण्य हरियाणा तभी कहलायेगा, जब पौधारोपण संस्कार में आयेगा आदि उक्तियों को बच्चों के साथ जोरदार आवाज में बोलते हुए पूरे मेला परिसर में भ्रमण किया।