पंजाब के शहर पटियाला से आई हरविन्द्र कौर ने बताया वे अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पिछले 8 साल से आ रही है। वे अपने साथ हाथ की रंग-बिरेंगी कढाई से बनी पंजाब की लोक संस्कृति को दिखाती फुलकारी के साथ-साथ पंजाबी बाग, दुप्ट्टïे, पंजाबी सूट, कुर्ती लेकर आई है। इस अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पंजाब की संस्कृति को दिखाती रंग-बिरंगी फुलकारी और हाथ की अनोखी कारगिरी से बना पंजाबी बाग महोत्सव में रंग भरने का काम कर रहा है। हाथ की इस अनोखी कढाई से बने सूट व पंजाबी फुलकारी को देखकर पर्यटक आश्चार्य चकित हो रहे है और महिलाएं बडे ही उत्साह के साथ फुलकारी और सूट की खरीददारी भी कर रहे है। उन्होंने बताया कि एक पंजाबी बाग व फुलकारी को बनाने के लिए 16 से 17 दिन लग जाते है और इस काम के लिए वे गांव व शहरों की महिलाओं को घर पर ही फुलकारी व पंजाबी बाग की कढाई व बुनाई के लिए देते है जिससे पंजाब की गांव व शहरों की महिलाओं को रोजगार का अवसर भी प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि उनके पास 1000 रुपए से लेकर 12000 रुपए तक के सूट, पंजाबी फुलकारी, पंजाबी बाग, दुप्ट्टïे इत्यादि है।