हरियाणा पैवेलियन में प्राचीन विषय-वस्तुओं की प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केन्द्र
कुरुक्षेत्र 23 दिसंबर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग द्वारा आयोजित हरियाणवी पांडाल में पुरातन विषय-वस्तुओं की प्रदर्शनी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। यहां पर हरियाणवी रसोई में जहां एक ओर पुरातन बर्तनों का प्रदर्शन है वहीं पर दूसरी ओर प्राचीन सिक्के दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। इसके साथ ही यहां पर हरियाणा की लोक सांस्कृतिक विषय-वस्तुओं से जुड़ी हुई प्रदर्शनी भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है।
युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि हरियाणा के पैवेलियन में इंडी प्रदर्शनी, चारपाई बुणाई प्रदर्शनी, धरोहर हरियाणा संग्रहालय प्रदर्शनी, चंगेरी प्रदर्शनी, इसके साथ ही पशुओं के लिए ताले के रूप में प्रयोग लाये जाने वाले न्यौल की प्रदर्शनी, हाथ से बनाये जाने वाली दरी की प्रदर्शनी, फुलझड़ी प्रदर्शनी, खेत में बिजाई के लिए प्रयोग की जाने वाले ओरणों की प्रदर्शनी, खेतों में किसानों द्वारा ऊंचाई के स्थलों में पानी भरने के लिए प्रयोग की जाने वाली डायल की प्रदर्शनी इसके साथ ही घरों में दूध बिलोने के लिए प्रयोग की जाने वाल रई की प्रदर्शनी, इसके साथ ही अंग्रेजों से पहले अनाज को मापने के लिए प्रयोग किए जाने वाले अनाज मापकों की प्रदर्शनी, इसके साथ ही किसानों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले हलों की प्रदर्शनी, कूंए में किसी वस्तु के गिर जाने वाल उसको ढूंढने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले कांटे एवं बिलाई की प्रदर्शनी, कूंए से पानी खींचने के लिए प्रयोग में लाऐ जाने वाले डोल की प्रदर्शनी, इसके साथ ही ऊंटों पर बैठने के लिए प्रयोग की जाने वाली ऊंट की कूचियों की प्रदर्शनी, साथ ही बैलों द्वारा खेत की जमीन को समतल करने के लिए प्रयोग की जाने वाली गोड़ी की प्रदर्शनी, इसके साथ ही हरियाणा के लोक परिधान के रूप में विख्यात हरियाणवी घाघरों एवं खारों की प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। डॉ. पूनिया ने बताया कि विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से 17 दिसंबर से यह प्रदर्शनी हरियाणवी पांडाल में लगाई गई थी, जिसको अब तक लाखों लोग देख चुके हैं।