फौगाट संग विधायक सुभाष सुधा ने भी किया डांस, पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज भी मंच पे आके नाचे, गजेंद्र फौगाट के गीतों पे 3 घंटे जमके झूमे दर्शक,बच्चे-बूढ़े-युवा हुए मस्त, कृष्ण भक्ति के गीतों के साथ साथ दर्शकों की मांग पे अपने अन्य प्रसिद्ध गीत भी सुनाए
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में हरियाणा के प्रसिद्ध लोक कलाकार गजेन्द्र फौगाट ने सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में अपने गीतों के द्वारा श्रोताओं और दर्शकों का मन मोह लिया और उनके गीतों का आंनद लेते हुए विधायक सुभाष सुधा तथा पूर्व मंत्री एवं भाजपा पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष कर्णदेव काम्बोज ने भी गायक गजेन्द्र फोगाट के साथ नाचते नजर आए। गायक गजेन्द्र फोगाट ने हरियाणवी, पंजाबी गीतों के द्वारा समा बांध दिया।
गजेन्द्र फौगाट ने गीता के सार पर आधारित गीतों के अलावा भाई रे कोई मत करो न मरोड़, एक दिन सबने जाना होगा ये जग बैरी छोड, मत कर मरोड बावले, एक अन्य गीत इस देश का यारो क्या कहना, कान्हा मेरे बर्थडे पे, तुम क्या दिलवाओगें पर मस्ती में युवा भी झूमते नजर आए। देशभक्ति गीत यहां चौड़ी छाती वीरों की के द्वारा माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर दिया। उन्होंने गीता जयंती पर आधारित गीत म्हारी गीता जयंती कुरुक्षेत्र में आक देखो जी, ब्रह्मसरोवर में नहा क देखो, भीम रसोई खाका देखो के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय गीता जंयती महोत्सव का बखान किया। दिलबर के लिए दिलदार है हम, दुश्मन के लिए तलवार है हम, गोरे के न काले के, हम है श्याम मुरली वाले के, गंगा जमुना जैसा पावन ब्रह्मसरोवर का जल, गीता पढ लें आके ले जा हर मुश्किल का हल।
उन्होंने फिल्मी गीत हमको तुमसे हो गया है प्यार, क्या करें, गोरे के न काले के, हम है श्याम मुरली वाले के। हरियाणवी गायक गजेन्द्र फोगाट ने अपने गीतों की प्रस्तुति के माध्यम से जहां दर्शकों एवं श्रोताओं का मनोरंजन किया, वहीं उनमें देशभक्ति की भावना को बढ़ाने का काम किया। इसके साथ ही उन्होंने मोबाइल का अत्याधिक प्रयोग करने से होने वाले डिप्रेशन के प्रति भी लोगों को जागरूक किया। धर्म और भगवान की भक्ति के साथ जुडने का आह्वान किया। उन्होंने अपने गायन के माध्यम से राधा-कृष्ण की लीलाओं का बखूबी वर्णन किया। उन्होंने पंजाबी गीत की बनूं दुनिया का, सच्चे बादशाह वाहेगुरु जाने के द्वारा युवाओं को झूमने पर मजबूर किया। उन्होंने हरियाणवी गीत मैन भाषा तो कई आवे सै, पर मज़ा सै देसी गाने मेें के द्वारा अपनी हरियाणवी संस्कृति व हरियाणवी बोली से जुड़े रहने का आह्वïान किया। एक अन्य गीत दुनिया में कीतै चले जाइओ, याद रखियो भाईयों न, अपना गांव जरूर दिखाइयो बालकों न। मेरा दामन सिवा दे ओ नंनदी के बीरा गीत पर युवा झुमते,नाचते नजर आए। उन्होंने युवाओं से अनुरोध किया कि वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाए। उन्होंने कई अन्य हरियाणवी गीतों की प्रस्तुति कर श्रोताओं का मन मोह लिया।
गजेंद्र फौगाट ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने गीता महोत्सव को दुनिया के कोने कोने में विख्यात कर दिया है, उन्हीं के प्रयास से आज विदेशों में भी गीत महोत्सव मन रहे है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज के प्रयासों से भी महोत्सव को नया आयाम मिला है। इस महोत्सव से लगभग 10 हजार से ज्यादा कलाकारों को काम मिला है जिसमे 100 तीर्थ, हर जिले में 3 दिवसीय गीता जयंती समारोह भी शामिल है। विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि गजेंद्र फौगाट मस्ती का दूसरा नाम है। आज इन्होंने कुरुक्षेत्र को संगीत और नृत्यमई करने के स्तर को काफी ऊंचाई दे दी है। विधायक ने उन्हें स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्र देके सम्मानित किया। इस मौके पे केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, कला परिषद से निदेशक संजय भसीन, कला विभाग से रेणु हूडा, दीपिका, शिक्षा विभाग से विकास गुरुजी, बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष चंद्रभान कमोदा समेत अनेकों गणमान्य व्यक्तिगण उपस्थित थे।