अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के पावन पर्व पर ब्रह्मसरोवर का तट देश की सांस्कृतिक विरासत को एक ही जगह पर सहेजने के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। इस तट पर देश के विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपने-अपने प्रदेश की लोक संस्कृति की छठा बिखेर रहे है और देश के 23 राज्यों से आए शिल्पकार अपनी कलाओं के जरिए लोगों को आकर्षित करने का कार्य कर रहे है। इस सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने और पवित्र ग्रंथ गीता की नगरी को देखने के लिए रोजाना काफी संख्या में पर्यटक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंच रहे है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 के 8वें दिन शनिवार को सुबह से ही पर्यटक सरस और शिल्प मेले में खरीदारी करने के लिए पहुंच गए। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया और सायं होती गई त्यों-त्योंं पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ती रही। इस महोत्सव में पर्यटकों को देश के हर राज्य की लोक कलाओं और संस्कृति से आत्मसात करने का अवसर मिल रहा है। इस वर्ष उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से हिमाचल प्रदेश के कलाकार सिरमौरी नाटी, उत्तराखंड के कलाकार थाडिया चौफला नृत्य, राजस्थान के कच्ची घोड़ी नृत्य, जम्मू-कश्मीर के कलाकार कुड नृत्य, हरियाणा के कलाकार गाथा गायन, महाराष्टï्र के कलाकार धानगिरी गाजा नृत्य, असम के कलाकार बरदोईशिकला नृत्य, छतीसगढ़ के कलाकार गौड मारिया नृत्य, वेस्ट बंगला के कलाकार पुरुलिया छाऊ नृत्य की शानदार प्रस्तुती दे रहे है। इसके साथ-साथ पंजाब का बाजीगर ग्रुप भी पर्यटकों को अपने मोहपाश में बांधने का काम कर रहा है।
महोत्सव में जहां पर्यटकों प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को देखने का मौका मिल रहा है, वहीं देश के विभिन्न राज्यों और प्रदेश के जिलों से आए शिल्पकारों की शिल्पकला को देखने और खरीदने का मौका मिल रहा है। इन पर्यटकों के लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से पुख्ता इंतजाम भी किए गए है और तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों को कुरुक्षेत्र की वेबसाईट पर भी देखा जा सकता है। एनजेडसीसी के अधिकारी मोहिन्द्र का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के लिए विभिन्न प्रदेशों के बेहतरीन कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। यह कलाकार कुरुक्षेत्र और आसपास के तीर्थों पर अपनी प्रस्तुती दे रहे है। यह शिल्प और सरस मेला 6 दिसंबर तक चलता रहेगा और पर्यटक इस महोत्सव में पहुंचकर शिल्पकारों की शिल्पकला और विभिन्न प्रदेशों के लोक नृत्य का आनंद उठा सकते है।










