International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

International Gita Mahotsav

गीता महोत्सव के इतिहास के साथ ही जुड़ा है बिहार के शिल्पकार सिराज का इतिहास

कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर गीता महोत्सव के इतिहास के साथ ही बिहार के जमशेदपुर के शिल्पकार सिराज का इतिहास और अनुभव जुड़ा हुआ है। जब से कुरुक्षेत्र में महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, तबसे सिराज अपनी शिल्पकला को लेकर पहुंच रहे है। यह शिल्पकार 40 प्रकार की सिल्क वैरायटी के सूट लेकर आते है और महोत्सव में आने वाले पर्यटक बड़े चाव से सिल्क के सूटों को पसंद करते है। अहम पहलू यह है कि शिल्पकार सिराज हर बार महोत्सव से अच्छा मुनाफा लेकर जाते है।
शिल्पकार सिराज इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 में स्टॉल नंबर 7 पर पर्यटकों के लिए 40 प्रकार सिल्क वैरायटी के सूटों के रखा है। उनका कहना है कि जब से महोत्सव शुरू हुआ है, जबसे महोत्सव में आ रहे है और हर बार अच्छी कमाई और अच्छा मुनाफा लेकर जाते है। यह शिल्प मेला देश का पहला ऐसा मेला है, जहां पर उनकी शिल्पकला को पसंद किया जाता है और हाथों-हाथ खरीदा जाता है। इस वर्ष महिलाओं के लिए सिल्क की विशेष वैरायटी लेकर आए है और उनके पास 10 हजार रुपए तक की रेंज के सिल्क सूट है। इस शिल्पकला को व्यवसाय बनाने का मंच सरकार की तरफ से उपलब्ध करवाया गया है। इसके लिए उन्होंने अपने गांव में 10 लोगों को लेकर एक सेल्फ हेल्प ग्रुप तैयार किया है और इस ग्रुप को सरकार की तरफ से ऋण भी उपलब्ध करवाया गया है। इस आर्थिक सहायता से ही उनके नए जीवन की शुरुआत हुई है और अब उनके ग्रुप के साथ ही अच्छा-खासा पैसा कमा लेते है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के साथ 30 सालों के खटे-मीठे अनुभव जुड़े हुए है। इस महोत्सव के हर क्षण को जीने का प्रयास किया है और इस महोत्सव की यादे हमेशा उनके साथ जुड़ी रहेंगी। यह महोत्सव उन्हें देश का सबसे अच्छा महोत्सव लगता है। इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करके सरकार निश्चित ही शिल्पकारों को संरक्षित करने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान कर रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top