International Gita Mahotsav

INTERNATIONAL GITA MAHOTSAV

International Gita Mahotsav

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश-प्रदेश की संस्कृति और कला का भव्य संगम

विभिन्न राज्यों की संस्कृति को एक जगह पर एकत्रित करके यह महोत्सव अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। इस तट पर देश के विभिन्न राज्यों के लोक कलाकार अपने-अपने प्रदेश की लोक संस्कृति की छठा बिखेर रहे है और देश के विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकार अपनी कलाओं के जरिए लोगों को आकर्षित करने का कार्य कर रहे है। इस सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने और पवित्र ग्रंथ गीता की नगरी को देखने के लिए रोजाना काफी संख्या में पर्यटक अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव में पहुंच रहे है।

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 के 9वें दिन शुक्रवार को सुबह से ही पर्यटक सरस और शिल्प मेले में खरीददारी करने के लिए पहुंच गए। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया और सायं होती गई त्यों-त्यों पर्यटकों की आवा-जावी भी बढ़ती रही। इस महोत्सव में पर्यटकों को देश के हर राज्य की लोक कलाओं और संस्कृति से आत्मसात करने का अवसर मिल रहा है। इस वर्ष उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से हिमाचल प्रदेश के कलाकार पूजा और घट नृत्य, जम्मू कश्मीर के कलाकार धमाली नृत्य व देकू भद्रवाही कुड व रुमाल नृत्य, पंजाब का झूमर व मालवाई गिद्दा, राजस्थान का चारी, उतराखंड के कलाकार पांडव नृत्य, मृध्य प्रदेश का गंगौर व पांथी नृत्या, झारखंड का पायका नृत्य, उड़ीसा का संभालपूरी नृत्य सहित राजस्थान के कच्ची घोड़ी नृत्य, ढेरु गाथा गायन आदि की शानदार प्रस्तुति दे रहे है। इसके साथ-साथ पंजाब का बाजीगर ग्रुप भी पर्यटकों को अपने मोहपाश में बांधने का काम कर रहा है।.

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