श्रीमद्भगवद् गीता दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ:मनोहर लाल
आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रदेश के 75 स्वतंत्रता सैनानियों और परिजनों को किया सम्मानित, 48 कोस तीर्थों के प्रतिनिधि भी पहुंचे सेमिनार, कुवि व केडीबी के संयुक्त तत्वावधान में गीता अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ समापन
कुरुक्षेत्र 11 दिसम्बर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने कहा कि कुरुक्षेत्र धर्म की धरती है जो हमेशा नई प्रेरणा देती है, नया संकल्प करवाती है और जीवन की दिशा दिखाती है। आज गीता दुनिया को अध्यात्म, संस्कृति, धर्म के कारण, अपने देशों के कारण मानवता को जीने की राह दिखाती है। गीता हमें कर्म करने की प्रेरणा देती है। जीवन जीने की राह व संस्कार सिखाती है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व केडीबी के संयुक्त तत्वावधान में 75वें आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीमद्भगवद्गीता के परिप्रेक्ष्य में विश्व गुरु भारत विषय पर आयोजित छठी अंतर्राष्ट्रीय विचार गोष्ठी के समापन अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला व उनकी धर्मपत्नी अमृता बिडला, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद अरविन्द शर्मा, सांसद सुनीता दुग्गल, सांसद रतन लाल कटारिया, स्वामी ज्ञानानंद महाराज, प्रसिद्ध समाजसेवी सतीश, खेल मंत्री संदीप सिंह, अजार बेजान के राजदूत अशरफ, कुरुक्षेत्र के विधायक सुभाष सुधा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, प्रो. मंजूला चौधरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया व सेमिनार की रिपोर्ट का विमोचन भी किया गया। इसके साथ ही 30 नए तीर्थो को जो चिन्हित किया गया है उसकी पीपीटी भी दिखाई गई। इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से आए 75 स्वंतत्र सेनानियों और उनके परिजनों को सम्मानित किया। इस सभागार में सभी ने खड़े होकर इन स्वतंत्रता सेनानियों को मान सम्मान दिया। अहम पहलू यह है कि इस सेमिनार में 48 कोस के 164 तीर्थों के प्रतिनिधि भी शामिल है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने कहा कि भारत हमेशा विश्वगुरू रहा है। सबसे बड़ा, सशक्त, मजबूत, जनता के हाथों जनता के लिए बनाया गया लोकतंत्र भारत का है। यह लोकतंत्र आजादी के बाद का नहीं बल्कि जीवनशैली व संस्कार का हिस्सा है। इस धरती पर कृष्ण ने अर्जुन को ज्ञान दिया था। हर संशय, भं्राति, भ्रम, चुनौती का रास्ता, द्वन्द, मानसिक शान्ति, कठिनाई दूर करने का ग्रंथ गीता है। गीता में भक्ति, कर्मयोग, सांख्यिक योग 18 अध्यायों के 700 श्लोकों में मिलता है। हमारे जीवन में गीता का ज्ञान आज भी प्रासंगिक है। गीता के हर श्लोक व अध्याय में जीवन जीने की राह है। आज भारत अपनी बौद्धिक क्षमता के कारण आज पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है। कोविड के समय हमने पूरी दुनिया में मानवता की मिसाल पेश की है। संसद व संविधान में भी गीता की अहम् भूमिका है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता किसी विशेष वर्ग के लिए नहीं यह विश्वव्यापी सार है। समाज में जितने विवाद, बुराई, ईष्र्या, द्वेष, विश्व की कोई भी समस्या का समाधान गीता में है। सुखी जीवन जीने के लिए गीता को जीवन में अपनाना चाहिए। गीता सार्वभौमिक व सर्वकालिक है। श्रीमद्भगवद् गीता दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है इसके मुकाबले कोई ग्रंथ नहीं है। मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि गीता महोत्सव समिति का गठन कर सभी समाज के लोगों को इससे जोड़ा जाए ताकि महोत्सव के स्वरूप को और बढ़ाया जा सके व गीता के प्रति लोगों में लगाव पैदा किया जा सके। ज्योतिसर तीर्थ व अन्य तीर्थो का विकास किया जा रहा है। इसके लिए ग्रांट में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। विद्यालयों में गीता की शिक्षा दी जाएगी। विद्यार्थियों को गीता के श्लोक व पुस्तक पढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी भी गीता के माध्यम से प्रेरणा लेते थे व अपने पास गीता रखते थे। गीता सभी के लिए प्रासंगिक है।
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि कुरुक्षेत्र राजनीति का विषय नहीं, संकीर्ण सोच का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र के सम्मान का विषय है। गीता हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ भी जुड़ी हुई है। पूरा स्वतंत्रता संग्राम गीता के साथ जुडा हुआ है। स्वतंत्रता सेनानियों ने जेल में रहकर गीता पढी। वे कहते थे कि मृत्यु से पहले वे मुस्कुराकर जीना चाहते हैं न कि पल-पल मरना। संसार की सभी समस्याओं का हल श्रीमद्भागवत गीता में निहित है। कुरुक्षेत्र को आस्था एवं पर्यटन के तौर पर पहचान दिलाने में हरियाणा के मुख्यमंत्री संकल्पित है। कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि भगवद् गीता से कर्म का संदेश मिला जिससे पूरे विश्व में ज्ञान का शंखनाद हो रहा है। गीता से पूरी दुनिया को मानवता का संदेश मिला है। हमें समाज के लिए अपना योगदान देना चाहिए यही गीता का संदेश है।
कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी के दौरान आयोजित कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के डाइनैमिक एवं विजनरी लीडरशिप से हरियाणा प्रदेश निरंतर प्रगति के नए आयाम छू रहा है। उन्होंने कहा कि नेक ए-प्लस ग्रेड प्राप्त हरियाणा प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में भी प्रदेश में अग्रणीय है तथा अपने विद्यार्थियों को बौद्धिक शक्ति के विकास के साथ-साथ नैतिक व पौराणिक मूल्यों द्वारा विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान कर रहा है। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि गीता में निहित खोज और जिज्ञासा की भावना ही आधुनिक युग में वैज्ञानिक स्वभाव का आधार और नई शिक्षा नीति की नींव भी है। गीता के ज्ञान से ही भारत अपना विश्व गुरु बनने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
अजर बेजान के राजदूत अशरफ ने कहा कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय व अजर बेजान के बीच शैक्षणिक, आर्थिक और सांस्कृतिक समझौते किए जाएंगे। पूरा विश्व एक परिवार है और पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र की सांस्कृतिक व आध्यात्मिक पहचान है। कुरुक्षेत्र के विधायक सुभाष सुधा ने सभी सम्मानित मंचासीन अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने 48 कोस के तीर्थो में केडीबी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यो के बारे में बताया। इस अवसर पर 75 स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया। इस मौके लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की धर्मपत्नी अमृता बिरला, सांसद अरविन्द शर्मा, सांसद सुनीता दुग्गल, सांसद रतन लाल कटारिया, प्रसिद्ध समाजसेवी सतीश, खेल मंत्री संदीप सिंह, कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, प्रो. मंजूला चौधरी, प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, उपायुक्त मुकुल कुमार, केडीबी सीईओ अनुभव मेहता, उपेन्द्र सिंघल, डॉ. सौरभ चौधरी, विजय नरूला, कुवि के अधिष्ठाता गण, निदेशक, शिक्षक, कर्मचारी व छात्र मौजूद थे।